Last Updated on July 20, 2025 15:54, PM by
सरकारी कंपनी NLC इंडिया अपनी रिन्यूएबल एनर्जी इकाई NIRL का IPO लाने की तैयारी कर रही है। NIRL के अगले वित्त वर्ष 2026-27 की दूसरी तिमाही यानि जुलाई-सितंबर में लिस्ट होने की उम्मीद है। कंपनी का इरादा IPO से लगभग 4000 करोड़ रुपये जुटाने का है। कंपनी 2026-27 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास NIRL IPO के ड्राफ्ट पेपर जमा करने की योजना बना रही है।
कोयला मंत्रालय के तहत आने वाली NLC इंडिया खनन और बिजली उत्पादन के कारोबार में है। बिजली उत्पादन में NLC इंडिया 6 गीगावाट क्षमता वाली कंपनी है, जिसमें 4.6 गीगावाट की थर्मल कैपेसिटी शामिल है। कंपनी की योजना 2047 तक अपनी ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी को 32 गीगावाट तक बढ़ाने की है।
2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाकर 10 गीगावाट करने का लक्ष्य
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, NLC इंडिया लिमिटेड (NLCIL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी 2030 तक अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाकर 10 गीगावाट करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। वर्तमान में यह क्षमता 1.4 गीगावाट है।
मोटुपल्ली ने कहा, ‘‘हम IPO के जरिए 4000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य बना रहे हैं… इसलिए इस साल सितंबर तक हम NIRL के माध्यम से अपने रिन्यूएबल एसेट्स को बढ़ाने की स्थिति में होंगे और मार्च, 2026 तक हम कानूनी और वित्तीय जांच-परख पूरी कर लेंगे। वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही में हम SEBI के पास IPO के लिए DRHP जमा करेंगे।’’
क्षमता बढ़ाने के लिए ₹60000 करोड़ तक का निवेश
NLC इंडिया लिमिटेड अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को लगभग 7 गुना बढ़ाने के लिए 50,000-60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी का इरादा यह अमाउंट इक्विटी और कर्ज के जरिए जुटाने का है। मोटुपल्ली का कहना है कि इक्विटी वाला हिस्सा इंटर्नल सोर्सेज से फंड किया जाएगा। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने 16 जुलाई को NLC इंडिया लिमिटेड को सरकार के मालिकाना हक वाली कंपनियों को नियंत्रित करने वाले निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट दी।
इससे कंपनी अब NIRL में 7000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकेगी। साथ ही कंपनी अब बिना किसी अप्रूवल के सीधे या जॉइंट वेंचर्स के माध्यम से विभिन्न प्रोजेक्ट्स में निवेश भी कर सकेगी। वैसे ऐसा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की सभी नवरत्न कंपनियों को अप्रूवल लेना होता है।