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न निवेशक बेचैन, न सोना कमजोर! डॉलर, ब्याज दर और ब्रिक्स पर टिके हैं दाम के तेवर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

न निवेशक बेचैन, न सोना कमजोर! डॉलर, ब्याज दर और ब्रिक्स पर टिके हैं दाम के तेवर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Last Updated on July 20, 2025 18:35, PM by Pawan

 

2025 की पहली छमाही में शानदार 26% तेजी के बाद अब सोने की चाल फिलहाल सीमित दायरे में दिखाई दे रही है. विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक अब अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों, फेडरल रिजर्व की अगली चाल और वैश्विक व्यापार वार्ताओं के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले निवेशक किसी बड़े कदम से बच रहे हैं. जेएम फाइनेंशियल के प्रणव मेर ने कहा कि इस सप्ताह अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े जैसे आवास बाजार, बेरोजगारी दावे और टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर बाजार की दिशा तय कर सकते हैं. वहीं फेड चेयरमैन जेरोम पावेल का बयान और यूरोपीय केंद्रीय बैंक की ब्याज दर नीति पर भी नज़र रहेगी.

डॉलर का दबाव, लेकिन ब्रिक्स टेंशन से सपोर्ट

सोने की कीमतों को फिलहाल मजबूत अमेरिकी डॉलर से दबाव मिल रहा है, जिससे वैश्विक बाजारों में सोने की तेजी सीमित हुई है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ब्रिक्स देशों और यूरोपीय यूनियन पर संभावित शुल्क लगाने की चेतावनी ने सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में बनाए रखा है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 10 दिन में सोने की कीमतों में लगभग 2% तेजी आई है और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में $3,350 प्रति औंस तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि यह तेजी मुख्यतः भू-राजनीतिक जोखिमों और निवेशकों की रक्षात्मक रणनीति का नतीजा है.

त्योहारी मांग और ट्रेड बातचीत का असर

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत-चीन-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में अनिश्चितता बनी रहती है, और अगस्त से पहले कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनती, तो सोने में सुरक्षित निवेश की मांग और बढ़ सकती है. इसके साथ ही अगस्त से अक्टूबर के बीच घरेलू त्योहारी सीजन भी कीमतों को सहारा देगा. एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर की मजबूती ने वैश्विक बाजार में सोने की तेजी को सीमित रखा है, लेकिन रुपये की कमजोरी घरेलू बाजार में कीमतों को बैलेंस कर सकती है. इससे निकट भविष्य में सीमित उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है.

चांदी की चमक सबसे तेज

जहां सोना स्थिरता की राह पर है, वहीं चांदी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर ₹1,15,136 प्रति किलोग्राम का नया रिकॉर्ड हाई छू लिया है. प्रभुदास लीलाधर के संदीप रायचुरा के अनुसार, चांदी अब सिर्फ ‘गरीबों का सोना’ नहीं, बल्कि स्मार्ट निवेशकों की रणनीतिक धातु बन चुकी है. इलेक्ट्रिक वाहनों, सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी की मांग बढ़ रही है और वैश्विक आपूर्ति में कमी इसके दाम को लगातार सपोर्ट कर रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेंड लंबी अवधि तक बरकरार रह सकता है.

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