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Market Outlook : बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 16 जुलाई को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market Outlook : बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 16 जुलाई को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Last Updated on July 15, 2025 16:52, PM by

Stock markets : सेंसेक्स वीकली एक्सपायरी पर बाजार में जोश देखने को मिला है। 4 दिनों की गिरावट के बाद बाजार बढ़त पर बंद हुआ है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिली है। ऑटो और फार्मा शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। रियल्टी, FMCG और PSU बैंक शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली है। निफ्टी 114 प्वाइंट चढ़कर 25,196 पर बंद हुआ है। सेंसेक्स 317 प्वाइंट चढ़कर 82,571 पर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक 241 प्वाइंट चढ़कर 57,007 पर बंद हुआ है। मिडकैप 560 प्वाइंट चढ़कर 59,613 पर बंद हुआ है।

आज निफ्टी के 50 में से 35 शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयरों में तेजी देखने को मिली है। निफ्टी बैंक के 12 में से 9 शेयरों में तेजी देखने को मिली है। रुपया 18 पैसे मजबूत होकर 85.81 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है।

प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि निफ्टी की शुरुआत आज सपाट रही, लेकिन धीरे-धीरे इसकी तेजी बढ़ती गई। हालांकि, अंत में कुछ बढ़त कम हो गई। कारोबार के अंत में निफ्टी 113.50 अंकों की बढ़त के साथ 25,195.80 पर बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो सभी सेक्टर बढ़त के साथ बंद हुए हैं। ऑटो और फार्मा शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। ब्रॉडर मार्केट ने बेहतर प्रदर्शन जारी रखा। मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों ही सेगमेंट में 0.90 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। RSI में एक हिडेन बुलिश डाइवर्जेंस रुझान में बदलाव का संकेत है। 25,000 का स्तर निफ्टी के लिए एक मजबूत सपोर्ट जोन बना हुआ है। जबकि इसके लिए 25,325 के आसपास रेजिस्टेंस देखने को मिल रहा है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के वी.के. विजयकुमार का कहना है कि एफआईआई ने डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी शॉर्ट पोजीशन बनाई है। हालांकि शॉर्ट कवरिंग से तेज उछाल आ सकता है, लेकिन अभी इसे बढ़ावा देने के लिए कोई स्पष्ट ट्रिगर नहीं हैं। बाजार फिलहाल बिना किसी ठोस दिशा-निर्देश के भटक रहा है। अप्रैल, मई और जून में नेट बॉयर रहे विदेशी संस्थागत निवेशक जुलाई में बिकवाली करते दिखे जिससे लार्ज-कैप शेयरों पर दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, संस्थागत निवेशकों की बिकवाली में आई कमी के कारण ब्रॉडर मार्केट तुलनात्मक रूप से मजबूत बना हुआ है। हालांकि वैल्यूशन ऊंचे स्तर पर बना हुआ है।

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