Uncategorized

लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री को मिलने वाली है रफ्तार! अगले 5 वर्षों में 10-12% ग्रोथ का अनुमान, इंश्योरेंस स्टॉक्स पर रखें नजर | Zee Business

लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री को मिलने वाली है रफ्तार! अगले 5 वर्षों में 10-12% ग्रोथ का अनुमान, इंश्योरेंस स्टॉक्स पर रखें नजर | Zee Business

Last Updated on July 12, 2025 16:54, PM by

 

Insurance Companies: भारतीय जीवन बीमा उद्योग ने संशोधित सरेंडर वैल्यू नियमों, कम क्रेडिट लाइफ सेल्स और ग्रुप सिंगल प्रीमियम के प्रभाव के बीच जून में 41,117.1 करोड़ रुपए के नए बिजनेस प्रीमियम रजिस्टर किए. यह जानकारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई. केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) को उम्मीद है कि लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री अगले तीन से 5 वर्षों में 10-12% की दर से बढ़ता रहेगा, जो प्रोडक्ट इनोवेशन के साथ-साथ सहायक नियमों, तेज डिजिटलीकरण, प्रभावी वितरण और बेहतर ग्राहक सेवाओं के कारण संभव होगा.

जून में, एनुअल प्रीमियम इक्विवेलेंट (APE) में 2.5% की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुई 20% की ग्रोथ की तुलना में धीमी ग्रोथ रेट है. रिपोर्ट के अनुसार, एपीई के संदर्भ में, इंडस्ट्री जून 2023 और जून 2025 के बीच 11% सीएजीआर से बढ़ी. इस अवधि के दौरान, निजी बीमा कंपनियों की ग्रोथ रेट 15.4% रही.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

FY26 में तिमाही आधार पर 4.3% रही ग्रोथ

केयरएज रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव ने कहा, पहली तिमाही आमतौर पर जीवन बीमा क्षेत्र के लिए एक धीमी अवधि होती है, क्योंकि यह वित्त वर्ष के अंत के बाद आती है, जब अधिकांश रिटेल कस्टमर आखिरी समय में जल्दबाजी में पॉलिसी खरीद चुके होते हैं. त्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में तिमाही आधार पर ग्रोथ 4.3% रही है, जबकि एक वर्ष पहले इसी तिमाही में 22.9% की ग्रोथ हुई थी. इसका मुख्य कारण उपभोक्ता मांग में कमी और संशोधित सरेंडर वैल्यू दिशानिर्देशों का प्रभाव रहा.

सरेंडर वैल्यू नियमों में बदलाव का फायदा

भालेराव ने कहा कि एलआईसी और निजी कंपनियों ने इंडिविजुअल सिंगल और नॉन-सिंगल प्रीमियम में प्रीमियम बढ़ोतरी दर्ज की है, जो दर्शाता है कि उनके पास एक मजबूत वितरण चैनल है और सरेंडर वैल्यू नियमों में बदलाव के बीच वे उच्च मूल्य वाली पॉलिसियों की ओर बढ़ रहे हैं. व्यक्तिगत और वार्षिक समूह व्यवसाय ने इस महीने की ग्रोथ को गति दी है. बैंकों द्वारा जमा राशि एकत्र करने पर ध्यान केंद्रित करने से एजेंसी चैनल पर अधिक जोर दिए जाने की संभावना है.

बाजार में पेनिट्रेशन बढ़ाना

केयरएज रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा, इसके अलावा, प्रस्तावित बीमा संशोधन अधिनियम का उद्देश्य नई कंपनियों को बाजार में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करके बाजार में पेनिट्रेशन बढ़ाना है.

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top