Last Updated on July 11, 2025 17:54, PM by
Stock Market Falls: शेयर मार्केट में शुक्रवार को बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स करीब 700 अंक गिर गया। वहीं निफ्टी में भी 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। जानें क्यों गिरा बाजार:
1. TCS के कमजोर नतीजे
टीसीएस ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे जारी किए जो उम्मीद से कम थे। इससे बाजार में सतर्कता बढ़ गई। टीसीएस का शेयर 3.5% गिर गया। कंपनी का शुद्ध लाभ 6% बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये रहा, जो अनुमान से थोड़ा ही ज्यादा था। लेकिन, कंपनी की आय में 3.1% की गिरावट आई। इसका असर दूसरी IT कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा। LTIMindtree, Wipro, Persistent Systems, HCL Tech और Infosys के शेयर 1% से 2.6% तक गिर गए।
2. ट्रंप की नई टैरिफ योजनाएं
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा से आयात पर 35% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दूसरे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर 15% से 20% तक के टैरिफ लगाए जा सकते हैं। इससे ट्रेड वॉर का डर बढ़ गया है, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है।
3. ग्लोबल मार्केट में गिरावट
ट्रंप की टैरिफ घोषणा के बाद ग्लोबल इक्विटी बाजारों में गिरावट आई। निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भागने लगे। यूरोप का STOXX 600 इंडेक्स 0.7% गिर गया, जबकि S&P 500 और Nasdaq के वायदा में 0.6% की गिरावट आई, जो वॉल स्ट्रीट पर कमजोर शुरुआत का संकेत दे रहा है। इस बीच, सोने की कीमतें बढ़ीं और बिटकॉइन नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
4. रूस पर संभावित प्रतिबंध
तेल की कीमतों में भी उछाल आया। इसकी वजह यह थी कि ट्रंप ने रूस के बारे में एक घोषणा करने की बात कही थी, जिससे नए प्रतिबंधों की अटकलें तेज हो गईं। ब्रेंट क्रूड 69.06 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी WTI क्रूड 66.98 डॉलर पर पहुंच गया। आपूर्ति में कमी की आशंका से तेल की कीमतें बढ़ीं, लेकिन OPEC+ के उत्पादन में वृद्धि और व्यापार से संबंधित अनिश्चितता के कारण लाभ सीमित रहा।
5. सेबी की कार्रवाई
इन्वेस्टर सेंटीमेंट को सेबी की कार्रवाई से भी झटका लगा। सेबी एक बड़े पैमाने पर पंप-एंड-डंप स्कीम की जांच कर रहा है, जिसमें 200 से अधिक प्राइवेट लिस्टेड कंपनियां शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेबी उन कंपनियों की जांच कर रहा है जो शेयरों की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाकर निवेशकों को धोखा दे रही हैं। सेबी की इस कार्रवाई से निवेशकों में डर का माहौल है, खासकर छोटे शेयरों में।
