Last Updated on July 10, 2025 20:02, PM by Pawan
8th Pay Commission: अभी तक 8वें पे कमीशन का गठन नहीं हुआ है। लेकिन, फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा जोरों पर है। वित्तीय सेवा फर्म Ambit Capital की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि नया वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए 1.83 से 2.46 के बीच फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है। यह अनुमान पिछले वेतन आयोगों के दौरान हुई सैलरी ग्रोथ के आधार पर किया गया है।
14% से 54% तक की बढ़ोतरी की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में कम से कम 14% और अधिकतम 54% तक की असल वेतन वृद्धि (बेसिक पे + डीए समेत) हो सकती है। हालांकि रिपोर्ट यह भी कहती है कि 54% की अधिकतम बढ़ोतरी की संभावना बेहद कम है, क्योंकि इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।
Ambit Capital की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकार खपत बढ़ाने के मकसद से वेतन में अधिक बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है, लेकिन 6वें वेतन आयोग जैसी 54% की वृद्धि संभव नहीं लगती।’
मिड-रेंज पर हो सकती है 30-34% बढ़ोतरी
Ambit के एनालिसिस के अनुसार, 30-34% की ‘मिड-रेंज’ बढ़ोतरी अनुमान है, जिस पर सरकार और आयोग विचार कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे खराब स्थिति में 14.3% की वृद्धि और सबसे अच्छी स्थिति में 54% की वृद्धि हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए तीन संभावित फिटमेंट फैक्टर तय किए गए हैं- 1.83 (minimum), 2.15 (median), और 2.46 (maximum)।
₹40,000 बेसिक वेतन पर संभावित नई सैलरी
अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा बेसिक पे ₹40,000 है, तो 8वें वेतन आयोग में अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से संभावित कुल सैलरी (बेसिक + DA समेत) कुछ इस तरह हो सकती है:
DA में 60% तक की बढ़ोतरी संभव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) लगभग 55% है और 2025 के अंत तक यह 60% तक पहुंच सकता है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग के तहत कम से कम 14% की सैलरी ग्रोथ तय मानी जा रही है, जो पिछले चार वेतन आयोगों के रुझानों के हिसाब से है। सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अभी 8वें वेतन आयोग के गठन और उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस की घोषणा का इंतजार हैं।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (multiplier) होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों की नई सैलरी तय करने में किया जाता है, जब नया वेतन आयोग लागू होता है। यह मौजूदा बेसिक पे पर लगाया जाता है ताकि संशोधित वेतन (बेसिक + DA आदि) तय किया जा सके।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹40,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.15 तय होता है, तो उसकी नई कुल सैलरी लगभग ₹1,09,000 हो जाएगी। यह एक तरह से सैलरी बढ़ाने का मानक फॉर्मूला होता है, जिसे वेतन आयोग सिफारिश के तौर पर पेश करता है।