Last Updated on July 9, 2025 10:49, AM by
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कॉपर पर 50 फीसदी और फार्मा पर 200 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह अभी सिर्फ उनका प्लान है। उन्होंने कहा है कि फार्मा पर यह टैरिफ 1 साल के अंदर लागू हो सकता है। अभी यह पता नहीं है कि कॉपर पर यह टैरिफ कब से लागू होगा। इस बीच, रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट की डेडलाइन अब बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी गई है। इसका मतलब है कि भारत सहित कई देशों को अमेरिका के साथ डील के लिए ज्यादा समय मिल गया है। भारत के साथ पिछले कई महीनों से डील को लेकर अमेरिका से बातचीत चल रही है। ऐसे में जल्द ट्रंप इंडिया के साथ कम से कम मिनी डील का ऐलान कर सकते हैं। सवाल है कि कॉपर पर 50% और फार्मा पर 200% टैरिफ का इंडिया पर क्या असर पड़ेगा?
अमेरिका को कॉपर का निर्यात
इंडिया ने FY25 में 2 अरब डॉलर मूल्य के कॉपर का एक्सपोर्ट किया। इसमें से करीब 17 फीसदी एक्सपोर्ट अमेरिका को हुआ। इंडिया के कॉपर एक्सपोर्ट में अमेरिका तीसरे पायदान पर है। पहले पायदान पर सऊदी अरब और दूसरे पायदान पर चीन है। अगर अमेरिका 50 फीसदी टैरिफ लगाता है तो इंडिया से अमेरिका को होने वाले कॉपर के एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। लेकिन, यह असर ज्यादा नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि कई इंडस्ट्रीज में कॉपर का इस्तेमाल होता है। इनमें कंस्ट्रक्शन, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इंडिया दूसरे देशों को कॉपर का एक्सपोर्ट बढ़ाकर अमेरिका एक्सपोर्ट में आई कमी की भरपाई कर लेगा। दूसरा, इंडिया की कॉपर की घरेलू मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।
फार्मा पर टैरिफ से बड़ा झटका
अगर ट्रंप फार्मा पर 200 फीसदी ट्रंप लगाते हैं तो यह इंडिया के लिए बड़ा झटका होगा। इंडिया दवाओं का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट अमेरिका को करता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंडिया के कुल फार्मा एक्सपोर्ट में अमेरिका की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। इंडिया ने FY25 में अमेरिका को 9.8 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं का एक्सपोर्ट किया। यह FY24 में 8.1 अरब डॉलर के निर्यात से 21 फीसदी ज्यादा है।
ज्यादातर जेनरिक दवाओं का निर्यात
इंडिया अमेरिका को ज्यादातर कम कॉस्ट वाली जेनरिक दवाओं का निर्यात करता है। इन दवाओं का अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम में बड़ा रोल है। अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शंस से बिकने वाली दवाओं में जेनरिक दवाओं की 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। ऐसे में 200 फीसदी टैरिफ से ये दवाएं बहुंत महंगी हो जाएंगी। ऐसे में इंडियन दवा कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में टिकना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, ऐसा तभी होगा जब अमेरिका खुद इन दवाओं का उत्पादन करना शुरू करेगा। अभी अमेरिका आयातित दवाओं पर निर्भर है। इसलिए अमेरिकी टैरिफ से न सिर्फ इंडिया बल्कि दूसरे देशों की दवाएं भी अमेरिका में महंगी होंगी। इसलिए इंडियन कंपनियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
फार्मा कंपनियों के शेयरों पर असर नहीं
9 जुलाई को इंडियन फार्मा कंपनियों के शेयरों पर ट्रंप के टैरिफ के ऐलान का ज्यादा असर नहीं पड़ा। अमेरिका को सबसे ज्याद एक्सपोर्ट करने वाली Sun Pharma, Dr Reddy’s Cipla के शेयरों पर किसी तरह का दबाव देखने को नहीं मिला। सिप्ला का शेयर 0.72 फीसदी चढ़कर ट्रेड कर रहा था। सन फार्मा का शेयर 0.054 फीसदी दबाव में था। डॉ रेड्डीज का शेयर 0.37 फीसदी नीचे चल रहा था।