Last Updated on July 1, 2025 20:14, PM by Pawan
आईनॉक्स इंडिया के लिए फाइनेंशियल ईयर 2025 बदलाव का साल रहा। प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा। इसकी वजह कनटेनर की शॉर्टेज, हाई फ्रेट कॉस्ट और पहली छमाही में कैपेसिटी के इस्तेमाल को लेकर कुछ दिक्कतें रहीं। अब स्थितियां सामान्य हो गई हैं। हाल में चालू सावली प्लांट से काफी सपोर्ट मिल रहा है। ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2026 कंपनी के लिए बेहतर रहने की उम्मीद है।
इस साल मार्च में खत्म तिमाही में Inox India का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 33.6 फीसदी बढ़कर 369 करोड़ रुपये रहा। इसमें एलएनजी, इंडस्ट्रियल गैसेज और क्राइजोनिक इक्विपमेंट के ऑर्डर एग्जिक्यूशन का हाथ है। इस दौरान कंपनी का EBITDA 53.4 फीसदी बढ़कर 82 करोड़ रुपये रहा। इससे कंपनी का EBITDA मार्जिन पिछले साल की मार्च तिमाही के 19.25 फीसदी से बढ़कर 22.1 फीसदी हो गया।
मार्च तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 66 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की मार्च तिमाही के प्रॉफिट से यह 48.6 फीसदी ज्यादा है। प्रॉफिट में अच्छी ग्रोथ की वजह बेहतर प्रोडक्ट मिक्स और ऑपरेशनल एफिशियंसी रही। इसके अलावा रेवेन्यू में एक्सपोर्ट की ज्यादा हिस्सेदारी और एलएनजी के बेहतर ऑर्डर से भी प्रॉफिट को सपोर्ट मिला। कंपनी FY26 में रेवेन्यू ग्रोथ 18-20 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। EBITDA मार्जिन 22-24 फीसदी के बीच रह सकता है।
कंपनी के मैनेजमेंट को अगले तीन सालों में रेवेन्यू की CAGR 15-20 फीसदी रहने का भरोसा है। इसमें एलएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती डिमांड का हाथ होगा। कंपनी को इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स मिलने की भी उम्मीद है। मार्च 2025 में कंपनी की ऑर्डरबुक 1,360 करोड़ रुपये की थी। यह साल दर साल आधार पर 25 फीसदी ज्यादा है। सेगमेंट के लिहाज से देखें तो इंडस्ट्रियल गैस का ऑर्डर 7 फीसदी और एलएनजी का 119 फीसदी बढ़ा। लेकिन, क्राइजोनिक स्टोरेज और डिस्ट्रिब्यूशन में 14 फीसदी कमी आई।
Inox India के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के करीब 31 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। क्राइजोनिक इंजीनियरिंग में मजबूत स्थिति, बढ़ते अंतरराष्ट्रीय बिजनेस और और स्ट्रॉन्ग विजिबिलिटी को देखते हुए यह ज्यादा नहीं है। एक साल पहले के मुकाबले स्टॉक का प्राइस करीब 10 फीसदी कम है। 1 जुलाई को यह स्टॉक 0.98 फीसदी चढ़कर 1,242 रुपये पर बंद हुआ।