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Meesho IPO का एक और पड़ाव पार, ₹4250 करोड़ के नए शेयरों के प्रपोजल पर शेयरहोल्डर्स ने लगाई मुहर

Meesho IPO का एक और पड़ाव पार, ₹4250 करोड़ के नए शेयरों के प्रपोजल पर शेयरहोल्डर्स ने लगाई मुहर

Last Updated on June 28, 2025 16:55, PM by

ई-कॉमर्स स्टार्टअप मीशो ने अपने आईपीओ की दिशा में एक और पड़ाव पार कर लिया है। कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए बताया है कि उसके आईपीओ में नए शेयरों के प्रपोजल को शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिल गई है। आईपीओ के लिए प्रपोजल 25 जून को कंपनी की असाधारण आम बैठक में पास किया गया था। 27 जून की फाइलिंग के मुताबिक, शेयरहोल्डर्स ने आईपीओ में 4,250 करोड़ रुपये तक के नए इक्विटी शेयरों को जारी करने को मंजूरी दे दी है।

मीशो के IPO में नए शेयरों के साथ-साथ कुछ मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से ऑफर फॉर सेल भी रहेगा। मीशो में जापान के नामी सॉफ्टबैंक का भी पैसा लगा हुआ है। कंपनी इस साल दीवाली तक आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।

बड़े इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स में कौन-कौन शामिल

 

मीशो के बड़े इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स में एलिवेशन कैपिटल, पीक XV पार्टनर्स और प्रोसस शामिल हैं। इनमें से हर एक के पास 13-15% हिस्सेदारी है। सॉफ्टबैंक के पास लगभग 10% हिस्सेदारी है। इसके अलावा कंपनी में वेस्टब्रिज कैपिटल और फिडेलिटी भी शेयरहोल्डर हैं। मीशो ने आखिरी बार 55 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। इसके बाद इसकी वैल्यूएशन लगभग 3.9 अरब डॉलर आंकी गई। आखिरी फंडिंग राउंड में टाइगर ग्लोबल, थिंक इनवेस्टमेंट्स और मार्स ग्रोथ कैपिटल के साथ-साथ मौजूदा इनवेस्टर्स पीक XV पार्टनर्स और वेस्टब्रिज कैपिटल ने भी हिस्सा लिया था।

एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी बताया गया है कि शेयरहोल्डर्स ने मीशो के को-फाउंडर और सीईओ विदित आत्रे की डेजिग्नेशन को चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में बदलने को भी मंजूरी दी है।

हेडक्वार्टर को अमेरिका से भारत में किया शिफ्ट

Meesho पिछले सप्ताह अपने हेडक्वार्टर को अमेरिका के डेलावेयर से भारत में शिफ्ट करने की प्रोसेस पूरी कर चुकी है। अब यह कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास IPO का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करेगी। भारतीय स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए मीशो का भारत में शिफ्ट होना जरूरी था। मीशो ने भारत में हेडक्वार्टर शिफ्ट करने की प्रक्रिया 2024 में शुरू की थी। शुरुआती दिनों में साल 2017 में मीशो के शुरुआती निवेशकों में शुमार वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) ने अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों के लिए भारत से बाहर बेस्ड होना अनिवार्य कर दिया था। ऐसा इसलिए ताकि उनके लिए फंडिंग और स्केल सुरक्षित करना आसान हो सके। इसी के चलते मीशो देश से बाहर हेडक्वार्टर वाली कंपनी बनी।

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