Last Updated on June 24, 2025 14:30, PM by Pawan
Crude Oil: बाजार की नजर आज क्रूड पर है जो सोमवार के 81 डॉलर के शिखर से 14 परसेंट फिसलकर 70 डॉलर के नीचे आ गया है। इजराइल और ईरान के बीच संभावित सीजफायर की खबर ने कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बनाया और क्रूड ऑयल कल के ऊपरी शिखर से करीब 14% फिसल गया जो अगस्त 2022 के बाद की ब्रेंट में सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखने को मिली।
ब्रेंट का भाव $69 के नीचे फिसला, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) में भी $67 के नीचे कारोबार करता नजर आया। वहीं एमसीएक्स पर भी कच्चे तेल की कीमतें 5750 रुपये के नीचे फिसल गई है।
60 डॉलर प्रति बैरल की तरफ जा सकता है क्रूड का भाव
ऐसे में अब एनर्जी एक्सपर्ट, नरेंद्र तनेजा ने कहा कि क्रूड की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल की तरफ जाती दिखाई दे सकती है। और अगर ऐसा होता है तो यह भारत के लिए पॉजिटिव होगा।
सीएनबीसी- आवाज के साथ उन्होंने क्रूड ऑयल के मौजूदा हालात पर बात करते हुए कहा कि क्रूड 80% जियो पॉलिटिकल कमोडिटी है, लेकिन कल रात 40 मिनट के अंदर ईरान द्वारा इजराइल पर मिसाइल फेके जाने के ऐलान के बाद कच्चे तेल की कीमतों में 7 फीसदी नीचे चली गई, जो कि ऐतिहासिक है। हालांकि ईरान ने वहां हमला किया जहां पर कुछ नहीं था। तेल जगत उतना सिंपल नहीं जितना नजर आता है। तेल का खेल बहुत बड़ा और बहुत गहरा है। अब क्रूड से जियोपॉलिटिकल टेंशन खत्म हो रहा है।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका चाहता है कि क्रूड का भाव $60 पर आना चाहिए। US राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी तेल उत्पादक देशों को साफ निर्देश दिए है। US का एजेंडा है कि क्रूड की कीमतें $60/bbl के नीचे लाना है। ट्रंप नहीं चाहते कि अमेरिका में महंगाई बढ़े।
नरेंद्र तनेजा ने आगे कहा कि क्रूड की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल की तरफ जाता हुआ दिखाई देता है।अचानक क्रूड की मांग बढ़ने वाली है ऐसा नहीं लगता है। डिमांड- सप्लाई को लेकर कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।
ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम का एलान किया है। अमेरिका ने कहा है कि युद्धविराम के प्रस्ताव पर ईरान ने समहति जताई है। ट्रुथ सोशन पर ट्रंप ने लिखा कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर पूर्ण सहमति बन चुकी है। 12 घंटे में दोनों देशों के बीच युद्धविराम होगा। दोनों देश युद्धविराम का शांतिपूर्ण सम्मान करेंगे। उन्होंने इजरायल और ईरान को इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि यह युद्ध सालों तक चल सकता था और युद्ध से वेस्ट एशिया को भारी नुकसान हो सकता था।