बाजार में ईरान-इजरायल तनाव और क्रूड के उबाल की फिक्र बढ़ गई है। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली निवेशकों की फिक्र बढ़ा रही है। ऐसे में अब निवेशकों को क्या करना चाहिए। किन सेक्टर्स पर फोकस हो। इन मुद्दों पर चर्चा करते हुए CAPITALMIND के फाउंडर और CEO दीपक शेनॉय ने कहा कि खराब ग्लोबल माहौल में भी भारतीय बाजार स्टेबल है। लेकिन बाजार के लिए कोई बड़ा पॉजिटिव भी नहीं है। दीपक शेनॉय ने आगे कहा कि बाजार अगर निगेटिव न्यूज पर बहुत गिरा नहीं है तो किसी पॉजिटिव न्यूज पर बहुत ज्यादा भागेगा भी नहीं। बाजार पर जियोपॉलिटिकल तनाव की थोड़ी फिक्र है। अमेरिका का बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है। जापान और चाइना की वर्तमान स्थिति कमजोर है। हालांकि तुलनात्मक रूप से भारतीय बाजार की स्थिति मजबूत है। हमारा डेट लेवल उतना ज्यादा नहीं है। सरकार के फाइनेंशियल्स अच्छे हैं। जीडीपी ग्रोथ भी बहुत अच्छी नहीं तो ठीक ही है।
भारत की स्थिति तुलनात्मक रूप से तो अच्छी है। लेकिन हमें भी अपनी खपत में बढ़त करनी होगी। मैन्यूफैक्चरिंग की गति बढ़ानी होगी। इस दिशा में काफी काम हुआ है लेकिन अभी हमें उसका कोई रिजल्ट देखने को नहीं मिला है। सरकार ने पॉलिसीज बनाई है, कैपेक्स की बात की गई है। लेकिन अभी तक इस मोर्चे पर कोई खास प्रगति नहीं हुई है। जब इसका असर होगा तो ये आंकड़ों में भी दिखाई देगा।
आईटी शेयरों पर बात करते हुए दीपक शेनॉय ने कहा कि अमेरिका में टैरिफ के असर को लेकर चिंता बनी हुई है। AI के आने के बाद इन कंपनियों को काफी एडजस्टमेंट करने हैं। अभी के लिए आईटी कंपनियों के लिए स्थितियां अच्छी नहीं हैं। AI भविष्य में आईटी कंपनियों के लिए रेवेन्यू का बड़ा जरिया हो सकता है।
हेल्थ केयर सेक्टर पर बात करते हुए दीपक शेनॉय ने कहा कि इस सेक्टर में कंसेलीडेशन हो रहा है। लॉन्ग टर्म में इस सेक्टर में काफी अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। आगे भारत मेडिकल टूरिज्म का हब बन सकता है। इसके अलावा डेंटल केयर भी अच्छी ग्रोथ आ सकती है।
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