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स्मॉलकैप-मिडकैप शेयरों में लगातार चौथे दिन गिरावट, 5% तक टूट गया इन शेयरों का भाव, जानिए वजह

स्मॉलकैप-मिडकैप शेयरों में लगातार चौथे दिन गिरावट, 5% तक टूट गया इन शेयरों का भाव, जानिए वजह

Midcap-Smallcap Stocks: स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में सोमवार 16 जून को लगातार चौथे दिन भी गिरावट जारी रही। निफ्टी के मिडकैप-100 और स्मॉलकैप-100, दोनों इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाई वैल्यूएशन के चलते निवेशक इस सेगमेंट में मुनाफावसूली कर रहे हैं, जिससे इन इंडेक्सेज में गिरावट आई। हालांकि दूसरी ओर सेंसेक्स और निफ्टी आज अच्छी बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे।

मिडकैप इंडेक्स 1% गिरा

निफ्टी मिडकैप-100 इंडेक्स में सोमवार के कारोबार में 1% की गिरावट आई। इससे पिछले चार कारोबारी दिनों में इस इंडेक्स का कुल नुकसान 3% के करीब पहुंच गया है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HUDCO) जैसी कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में रहे।

भारत डायनेमिक्स के शेयर NSE पर 4% तक लुढ़ककर 1,816.6 रुपये पर आ गया। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर 2.67% और HUDCO के शेयर 1.97% टूटे। इसके अलावा वोडाफोन आइडिया, IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, NMDC और टाटा एलेक्सी के शेयरों में 1-2% की गिरावट देखी गई।

 

स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.6% की गिरावट

निफ्टी स्मॉलकैप-100 इंडेक्स दिनभर के कारोबार में 1.6% गिरा, जिससे लगातार चार कारोबारी दिनों में इसका कुल नुकसान करीब 4% हो गया है। इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा गिरावट टाटा टेली सर्विसेज (महाराष्ट्र) के शेयरों में देखी गई, जो 5% गिरकर 68.29 रुपये पर आ गया। IFCI और ITI के शेयर भी क्रमशः 3.51% और 2.63% टूटे।

क्यों टूट रहे हैं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर?

Stoxkart के डायरेक्टर और CEO प्रणय अग्रवाल के मुताबिक, “बीते चार कारोबारी दिनों में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 5% तक गिर चुके हैं। इसके पीछे ग्लोबल और घरेलू दोनों कारण जिम्मेदार हैं। मिडिल ईस्ट में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों से कच्चे तेल के दाम चढ़े हैं, जिससे बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। वहीं अमेरिका-चीन ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता और ग्लोबल मॉनिटरी पॉलिसीद में संभावित बदलाव ने निवेशकों में जोखिम लेने की क्षमता कम की है।”

उन्होंने आगे कहा, “घरेलू मोर्चे पर पिछले कुछ महीनों में मिड और स्मॉलकैप शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी, जिससे उनके वैल्यूएशन ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। F&O एक्सपायरी के पहले मुनाफावसूली होना स्वाभाविक है। यह गिरावट एक हेल्दी करेक्शन की तरह है, न कि घबराहट वाली बिकवाली। लंबी अवधि के निवेशकों को बेहतर स्तरों पर दोबारा एंट्री का मौका मिल सकता है।”

हाई वैल्यूएशन का दबाव जारी

Mehta Equities के प्रशांत तपसे ने कहा कि ब्रॉडर मार्केट के वैल्यूएशन अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से काफी ऊपर हैं, जो बिना मजबूत और लगातार कमाई के टिकाऊ नहीं हैं। निफ्टी मिडकैप का वन-ईयर फॉरवर्ड P/E रेशियो 28.7x है जबकि इसका 10 साल का एवरेज 28.12x है। निफ्टी स्मॉलकैप 25.03x पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके लॉन्ग टर्म एवरेज 21.45x से कहीं ज्यादा है। वहीं BSE 500 का P/E 22.44x है, जबकि इसका एवरेज 21.47x है।

लार्जकैप पर शिफ्ट हो सकता है फोकस

इंडिपेंडेंट मार्केट एनालिस्ट अजय बग्गा ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट्स का ऊंचा वैल्यूएशन चिंता का कारण है। कई फंड मैनेजर्स पहले ही अनुमान लगा चुके हैं कि 2025 में लार्जकैप शेयर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, जबकि ब्रॉडर इंडेक्स अंडरपरफॉर्म करेंगे। बिना मजबूत अर्निंग ग्रोथ के इन सेगमेंट्स में रिटर्न सीमित रह सकते हैं क्योंकि P/E में और विस्तार की गुंजाइश कम है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि मिड और स्मॉलकैप में रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी के कारण पहले कई बार ऐसी गिरावटों के बाद तेज रिकवरी भी देखी गई है।

 

डिस्क्लेमरः stock market news पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। stock market news यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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