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IPO से पहले Lenskart के लिए आई अच्छी खबर, फिडेलिटी ने वैल्यूएशन बढ़ाकर 6.1 अरब डॉलर आंकी

IPO से पहले Lenskart के लिए आई अच्छी खबर, फिडेलिटी ने वैल्यूएशन बढ़ाकर 6.1 अरब डॉलर आंकी

Last Updated on June 14, 2025 15:52, PM by

यूएस-बेस्ड इनवेस्टमेंट फर्म फिडेलिटी ने ओम्नीचैनल आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट (Lenskart) की वैल्यूएशन को बढ़ाकर 6.1 अरब डॉलर आंका है। यह पहले की 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से लगभग 22 प्रतिशत ज्यादा है। फिडेलिटी ने जून 2024 में 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर ही एक सेकेंडरी ट्रांजेक्शन में लेंसकार्ट के शेयरों को खरीदा था। उस लेनदेन के जरिए सिंगापुर की टेमासेक भी लेंसकार्ट में निवेशक बनी थी। लेंसकार्ट ने टेमासेक और फिडेलिटी से 20 करोड़ डॉलर जुटाए थे।

लेंसकार्ट को साल 2008 में पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही ने शुरू किया था। पीयूष बंसल, रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया में जज के तौर पर देखे जा चुके हैं। लेंसकार्ट भारत के सबसे बड़े ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड के रूप में विकसित हुई है। यह ऑनलाइन तो मौजूद है ही, साथ ही इसके 2,000 से अधिक फिजिकल स्टोर भी हैं।

IPO की कर रही तैयारी, बनी पब्लिक कंपनी

 

लेंसकार्ट IPO लाने की तैयारी कर रही है। इसी की कवायद के तहत यह आधिकारिक तौर पर एक पब्लिक कंपनी बन गई है। लेंसकार्ट के बोर्ड ने 30 मई को एक असाधारण आम बैठक के दौरान अपना नाम लेंसकार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया। कंपनी ने अभी तक अपने IPO के साइज या यह कब आएगा इसे लेकर खुलासा नहीं किया है।

1 अरब डॉलर जुटाने की हो सकती है कोशिश

कुछ महीने पहले खबर आई थी कि लेंसकार्ट अपनी IPO प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, सिटी, मॉर्गन स्टेनली और एवेंडस कैपिटल सहित बैंकरों के एक संघ को नियुक्त करने के लिए बातचीत के एडवांस्ड स्टेज में है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से पता चला है कि कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक का पब्लिक इश्यू लाने की सोच रही है।

लेंसकार्ट 2019 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई थी, यानि इसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो गई थी। कंपनी में सॉफ्टबैंक, टेमासेक, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA), अल्फा वेव ग्लोबल, KKR, केदारा कैपिटल और TPG जैसे प्रमुख निवेशकों का पैसा लगा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की वित्तीय स्थिति में गिरावट देखी गई। रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, कंपनी ने 5,427 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू और 10 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। इससे पहले यह मुनाफे में थी।

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