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Trump द्वारा स्टील पर 50% टैरिफ लगाने से भारतीय कंपनियों पर नहीं होगा असर, लेकिन ग्लोबल सेंटीमेंट्स होंगे प्रभावित

Trump द्वारा स्टील पर 50% टैरिफ लगाने से भारतीय कंपनियों पर नहीं होगा असर, लेकिन ग्लोबल सेंटीमेंट्स होंगे प्रभावित

Last Updated on May 31, 2025 13:43, PM by Pawan

Trump’s Steel Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 4 जून से स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क दोगुना होकर 50% हो जाएगा। जिसे उन्होंने घरेलू उद्योग की रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया है। भारत का अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम बाजारों में डायरेक्ट एक्सपोजर सीमित है लेकिन ग्लोबल ट्रेड सेंटीमेंट और डिमांड संभावित असर को लेकर व्यापक चिंता नजर आ रही है। ट्रंप की घोषणा पेंसिल्वेनिया में एक अमेरिकी स्टील प्लांट में एक भाषण के दौरान हुई। वहां पर उन्होंने कहा, “हम संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टील पर शुल्क को 25% से 50% तक लाने जा रहे हैं।” इसके तुरंत बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर पुष्टि की कि एल्युमीनियम पर भी इसी दर से बढ़ोतरी होगी।

भारत के लिए इसका प्रत्यक्ष प्रभाव न्यूनतम होने की उम्मीद है। अमेरिका ने 2024 में लगभग 2.8 करोड़ टन स्टील का आयात किया, लेकिन शुद्ध आयात बहुत कम था।

भारत का अमेरिका को स्टील निर्यात इसका एक छोटा हिस्सा है, जिसमें कनाडा और ब्राजील शीर्ष आपूर्तिकर्ता हैं।

 

एल्युमीनियम की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है – अमेरिका ने पिछले साल 54 लाख टन आयात किया, जिसमें से आधा हिस्सा कनाडा का था।

हिंडाल्को (Hindalco) जैसी भारतीय कंपनियों पर सीधे तौर पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। दरअसल, यूएस मिडवेस्ट एल्युमीनियम प्रीमियम में बढ़ोतरी से कंपनी को फायदा हो सकता है। फिर भी, चूंकि हिंडाल्को कनाडा से कच्चा माल मंगाती है, इसलिए कनाडा से आयात के लिए छूट न होने से इनपुट लागत बढ़ सकती है। जिससे मामूली रूप से मुनाफे पर असर कर सकती है।

हालांकि, अगर कोई छूट नहीं मिलती है तो हिंडाल्को की सहायक कंपनी नोवेलिस (Novelis) पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। नोवेलिस ने पहले ही मौजूदा 25% टैरिफ के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही से EBITDA में 4 करोड़ डॉलर की तिमाही गिरावट का संकेत दिया है।

भले ही भारत को प्रत्यक्ष वाणिज्यिक प्रभाव से बचा लिया गया हो, लेकिन व्यापक मैक्रो वातावरण में चिंता है। व्यापार व्यवधान और संरक्षणवादी नीतियों का ग्लोबल ग्रोथ और कमोडिटी डिमांड पर असर पड़ता है।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। हमारी तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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