Last Updated on May 29, 2025 13:40, PM by Pawan
सोने में 29 मई को बड़ी गिरावट आई। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसका असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ा है। सोने का भाव एक एक हफ्ते के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद टैरिफ को लेकर अमेरिकी पॉलिसी में बदलाव के संकेत दे दिए थे। इससे सोने में मजबूत दिखी थी। 2 अप्रैल को ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान कर दिया। इससे सोने की कीमतों को और सपोर्ट मिला। 2025 के पहले 5 महीनों में सोने की कीमतों में अच्छी तेजी दिखी है। लेकिन, अब इसकी चमक घट रही है।
देश और विदेश में सोने में तेज गिरावट
29 मई को देश और विदेश दोनों बाजारों में Gold ने तेज गिरावट आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.5 फीसदी गिरकर 3,273.37 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यह 20 मई के बाद सोने का सबसे कम स्पॉट प्राइस है। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.7 फीसदी गरिकर 3,270.80 प्रति औंस चल रहा था। इधर, इंडिया में भी सोने में नरमी देखने को मिली। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में सोना 722 रुपये यानी 0.76 फीसदी गिरकर 94,556 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। यह लगातार दूसरा दिन है, जब एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स गिरा है।
डॉलर में मजबूती का सोने पर असर
ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर कोर्ट के रोक लगा देने का असर डॉलर पर भी पड़ा। डॉलर इंडेक्स मजबूती के साथ 100 के पार निकल गया। डॉलर में मजबूती का असर सोने की कीमतों पर पड़ता है। डॉलर मजबूत होने से दूसरी करेंसी में सोना खरीदना महंगा हो जाता है। ट्रंप ने फेडरल ट्रेड कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की है। उन्होंने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की धमकी दी है। उधर, ट्रेड कोर्ट का कहना है कि अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी के बगैर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ट्रंप का फैसला नाजायज है। इससे फिलहाल ट्रंप के टैरिफ को लेकर खत्म हो गया है।
शॉर्ट टर्म में जारी रह सकती है गिरावट
टैरिफ का मसला अगर खत्म होता है तो इससे सोने की चमक घट सकती है। दुनिया में जब कभी उथलपुथल बढ़ती है तो सोने की चमक बढ़ जाती है। उथलपुथल या अनिश्चितता कम होने पर सोने की चमक घट जाती है। हालांकि, सोने में फिलहाल बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं दिख रही। महेता इक्विटीज के वीपी (कमोडिटीज) राहुल कलांतरी ने कहा कि गोल्ड के लिए 3,255-3,249 डॉलर प्रति औंस पर सपोर्ट है। तेजी की स्थिति में इसे 3,300-3,322 पर रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा। इंडिया में गोल्ड के लिए 94,910-94,580 रुपये प्रति 10 ग्राम पर सपोर्ट है।
आपको क्या करना चाहिए?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंच अक्ष कंबोज ने कहा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन घटने और डॉलर में मजबूती से शॉर्ट टर्म में गोल्ड में गिरावट जारी रह सकती है। लेकिन, लंबी अवधि के लिहाज से निवेशकों को गोल्ड में निवेश करना चाहिए। हर गिरावट के मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो निवेशक शॉर्ट टर्म के गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें अपना प्लान बदल देना चाहिए।
