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Celebi Shares: चार दिन में 26% डूबी पूंजी, भारत से टकराव में तुर्किए की एविएशन कंपनी सेलेबी को करारा झटका

Celebi Shares: चार दिन में 26% डूबी पूंजी, भारत से टकराव में तुर्किए की एविएशन कंपनी सेलेबी को करारा झटका

Last Updated on May 19, 2025 12:07, PM by

Celebi Shares: तुर्किए की एविशन कंपनी सेलेबी को अपने देश की सरकार के रुख का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। चार ही दिनों में इसने निवेशकों की 26 फीसदी से अधिक पूंजी डुबो दी है। तुर्किए ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान पाकिस्तान का साथ दिया था। सेलेबी पर इसका झटका इसलिए लगा क्योंकि भारत सरकार ने इसकी भारतीय सहायक कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया के सिक्योरिटी क्लियरेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है और यह मंजूरी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में वापस लिया गया है। 16 मई को इसके शेयर 10 फीसदी की गिरावट के साथ 2,002.00 टर्किश करेंसी के भाव पर बंद हुए थे और 12 मई को यह 2,712.50 टर्किश करेंसी के भाव पर बंद हुआ था।

क्यों रद्द हुआ Celebi की ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी का सिक्योरिटी क्लियरेंस?

ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने गुरुवार 15 मई को ऐलान किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया के सिक्योरिटी क्लियरेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। बीसीएएस ने नवंबर 2022 में सेलेबी को यह सुरक्षा मंजूरी दी थी। बता दें कि यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई, जब पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पीओके समेत पाकिस्तान के 9 जगहों पर आतंकी ठिकानों पर हमले किए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई में पाकिस्तान ने तुर्किए के बने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

सेलेबी का क्या कहना है?

इस पूरे मामले में सेलेबी का कहना है कि तुर्किए की भारतीय इकाई पर किसी भी विदेशी सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसकी भारतीय इकाई देश में 15 वर्षों से अधिक समय से काम कर रही थी। यह मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बेंगलुरु, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे अहम शहरों के नौ एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज देती थी। अब कंपनी की सिक्योरिटी क्लियरेंस वापस ले ली गई है। इसे लेकर कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसकी दलील है कि बिना कोई कारण बताए ‘अस्पष्ट’ राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यह फैसला लिया गया है।

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