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India Pakistan Ceasefire का दिखा असर, 4 सालों की सबसे बड़ी तेजी; निवेशकों ने कमाए ₹16 लाख करोड़

India Pakistan Ceasefire का दिखा असर, 4 सालों की सबसे बड़ी तेजी; निवेशकों ने कमाए ₹16 लाख करोड़

Last Updated on May 12, 2025 17:12, PM by Pawan

 

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (India Pakistan Ceasefire) पर सहमति बनने से निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई और इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला. एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति में 16 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई. सेंसेक्स और निफ्टी में फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक करीब 4 फीसदी की तेजी देखने को मिली. सकारात्मक वैश्विक और घरेलू संकेतों से मार्केट सेंटीमेंट को बल मिला और भारतीय शेयर बाजारों ने बीते चार वर्षों में ‘बेस्ट सिंगल डे परफॉर्मेंस’ दर्ज करवाने में बड़ी सफलता हासिल की.

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 82,429.90 स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,924.70 पर बंद हुआ. यह पिछले चार वर्षों में दोनों सूचकांकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा ‘प्रतिशत लाभ’ था, इससे पहले एकमात्र बड़ी तेजी 1 फरवरी, 2021 को दर्ज की गई थी, जब सूचकांक 4.7 प्रतिशत से अधिक चढ़े थे. बाजार की तेजी में कई कारकों की अहम भूमिका रही.

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक रुख और रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की रिपोर्ट जैसे कारक बाजार के लिए अहम रहे. इन घटनाक्रमों से भू-राजनीतिक तनाव कम करने, वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिली. सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिससे सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार दिखा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा की कीमतों को लेकर 80 प्रतिशत तक की कटौती की टिप्पणी की थी, जिसके बाद निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला था. कारोबार के अंत में इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ. निफ्टी आईटी और निफ्टी रियलिटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी रही, जो क्रमशः 6 प्रतिशत और 7 प्रतिशत तक चढ़े. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक भी तेजी में शामिल हुए, जिन्होंने 4.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ व्यापक बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया.

बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र (9 मई) के 416.52 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 432.47 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसके साथ एक ही दिन में 16 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की गई. विश्लेषकों के अनुसार, अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतों के कारण बाजार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “सभी प्रमुख क्षेत्रों ने तेजी में योगदान दिया, जिसमें आईटी, रियलिटी और मेटल सबसे आगे रहे. व्यापक बाजारों ने भी इस मजबूती को दिखाया, जिनमें से प्रत्येक में करीब 4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई.”

भू-राजनीतिक चिंताओं में कमी और वैश्विक व्यापार वार्ता में प्रगति ने बाजारों को काफी राहत दी, जिसका असर भारत वीआईएक्स अस्थिरता सूचकांक में तेज गिरावट के रूप में दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से, निफ्टी में तेज वृद्धि तीन सप्ताह के कंसोलिडेशन फेज के बाद तेजी के रुझान को जारी रखने का संकेत देती है. 24,857 के पिछले स्विंग हाई को पार करने के बाद, सूचकांक अब 25,200 के स्तर की ओर बढ़ रहा है, जबकि 24,400 से 24,600 के बीच किसी भी गिरावट पर मजबूत समर्थन मिलने की उम्मीद है.

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