Last Updated on May 9, 2025 15:04, PM by
Editor’s Take: भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. पाकिस्तान ने बीती रात भारत के कई सीमावर्ती शहरों में हमले करने की कोशिश की, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में उनके मिसाइलों और ड्रोन्स को ध्वस्त कर दिया. आज घरेलू शेयर बाजार में इसका बड़ा असर दिखाई दे रहा है. बाजार में बड़ी गिरावट है. ऐसे में सवाल है कि ट्रेडर्स और निवेशक क्या करें. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने इस माहौल में मार्केट आउटलुक दिया है.
भारत-पाक तनाव: अब तक की स्थिति
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक बड़ा हमला करने की कोशिश की, जिसमें श्रीनगर, चंडीगढ़ समेत कई शहरों को निशाना बनाया गया. ड्रोन और मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की साजिश रची, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया. भारत ने इस हमले को विफल किया. हालांकि, इस तनाव के बढ़ने की आशंका ने न केवल दोनों देशों के बीच बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है. बाजार और निवेशक इस अनिश्चितता के बीच सतर्कता बरत रहे हैं.
बाजार पर तनाव का असर
भारत-पाक तनाव के कारण शेयर बाजार में सुस्ती और सावधानी का माहौल है. निवेशक और ट्रेडर्स नया कोई बड़ा कदम उठाने से बच रहे हैं. बाजार में Wait & Watch की रणनीति हावी है. अनिल सिंघवी ने कहा कि निवेशकों को बड़े लेवल्स पर नजर रखनी चाहिए. निफ्टी में 23,800 के नीचे बंद होने पर नई कमजोरी देखने को मिल सकती है. इस स्थिति में 23,550 अगला महत्वपूर्ण स्तर होगा, जबकि 22,800-23,000 की रेंज बड़ी सपोर्ट जोन मानी जा रही है. वहीं, ऊपरी स्तर पर 24,150-24,300 की रेंज में रुकावट देखने को मिल सकती है.
बैंक निफ्टी की बात करें तो 53,075-53,225 का स्तर सपोर्ट जोन है, जबकि 53,925-54,075 की रेंज में बिकवाली का दबाव बन सकता है. इस अनिश्चितता के बीच निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.
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निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए सलाह
ऐसे माहौल में निवेशकों को धैर्य रखने की जरूरत है. सलाह है कि नई खरीदारी के लिए बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें. ट्रेडर्स को इंट्राडे और ओवरनाइट पोजीशन बेहद कम रखनी चाहिए. ट्रेडिंग के दौरान सख्त स्टॉपलॉस का पालन करना जरूरी है. अगर बड़े लेवल्स टूटते हैं, तो अनुशासन बनाए रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
किन सेक्टर के शेयरों पर दिखेगा सबसे ज्यादा दबाव
युद्ध और तनाव के माहौल में कुछ सेक्टर्स पर दबाव बढ़ता है, जबकि कुछ को फायदा होता है. एविएशन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के शेयरों पर दबाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि यात्रा और पर्यटन पर अनिश्चितता का असर पड़ता है. दूसरी ओर, डिफेंस सेक्टर के शेयरों में खरीदारी बढ़ सकती है, क्योंकि सरकार और सेना की ओर से डिफेंस से जुड़े ऑर्डर बढ़ सकते हैं. इसके अलावा, जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, उनमें स्टॉक-स्पेसिफिक रणनीति अपनानी चाहिए. मिडकैप शेयरों की तुलना में लार्जकैप शेयरों पर फोकस करना ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है.