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Editor’s Take: ट्रेड डील और भारत-पाकिस्तान टेंशन, कैसा होगा असर? जानें Anil Singhvi से आउटलुक | Zee Business

Editor’s Take: ट्रेड डील और भारत-पाकिस्तान टेंशन, कैसा होगा असर? जानें Anil Singhvi से आउटलुक | Zee Business

Last Updated on May 8, 2025 10:44, AM by

 

Editor’s Take: शेयर बाजार में थोड़ी सुस्ती के बीच दो बड़े ट्रिगर्स पर सबकी नजर है. पहला भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिका की ओर से टैरिफ डील की घोषणा. आज रात भारतीय समयानुसार 10:30 बजे ट्रंप एक बड़ी ट्रेड डील का ऐलान करने वाले हैं, जो किसी बड़े और सम्मानित देश के साथ होगी. संभावना है कि यह देश ब्रिटेन या भारत हो सकता है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस डील की सबसे ज्यादा संभावना यूके के साथ है. किसी भी बड़े देश के साथ यह डील होना बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है, और अगर यह भारत के साथ होती है, तो इसका प्रभाव और भी शानदार हो सकता है.

FIIs-DIIs की साथ-साथ खरीदारी

कल की खरीदारी क्वॉलिटी और क्वॉन्टिटी दोनों प्रभावशाली रही. नवंबर 2020 के बाद पहली बार FIIs ने लगातार 15 दिनों तक खरीदारी की है. हाल के हमले के बावजूद, FIIs और DIIs दोनों का जोश बरकरार है, जो मजबूत आर्थिक कारकों का परिणाम है. यह संयुक्त खरीदारी बाजार में आत्मविश्वास और स्थिरता का संकेत देती है.

हमले के बाद भी बाजार ने क्यों दिखाया दम?

भारत में इस समय बाजार में तेजी के सभी कारण मौजूद हैं. एकमात्र जोखिम भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का बढ़ना था. हमले से पहले भी बाजार मजबूत स्थिति में था, और हमले के बाद इवेंट रिस्क कम होने से बाजार ने और दम दिखाया. यदि युद्ध का डर न होता, तो इस माहौल में बाजार पहले ही 25,000 के स्तर को पार कर चुका होता. बाजार की यह लचीलापन इसकी मजबूत बुनियाद को दर्शाता है.

बाजार क्यों है मजबूत?

बाजार की मजबूती के कई कारण हैं, जिनमें घटती महंगाई, ब्याज दरों में कटौती, अच्छे मॉनसून की उम्मीद, मजबूत GST कलेक्शन, ठीक-ठाक रिजल्ट सीजन, और FIIs-DIIs की दमदार खरीदारी शामिल हैं. इसके अलावा, यूके के साथ FTA डील और अमेरिका के साथ ट्रेड डील की तैयारी भी बाजार को बल दे रही है. हालांकि, शॉर्ट टर्म में एकमात्र जोखिम भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का बढ़ना है, जो बाजार पर दबाव डाल सकता है.

गैप से नीचे खुलने पर है तुरंत खरीदें?

बाजार अगर गैप डाउन के साथ खुलता है, तो यह तुरंत खरीदारी का शानदार मौका हो सकता है. जितना ज्यादा नीचे खुले, उतनी जल्दी और ज्यादा खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए. भारत-पाकिस्तान तनाव को ध्यान में रखते हुए इंट्राडे स्टॉपलॉस जरूर लगाएं. युद्ध के बाद निवेश का इंतजार कर रहे निवेशक अब धीरे-धीरे बाजार में प्रवेश कर सकते हैं. निफ्टी में बड़ी तेजी के लिए बैंक निफ्टी की मजबूती और लीडरशिप जरूरी है. आज वीकली एक्सपायरी के दिन शॉर्ट कवरिंग की उम्मीद है, लेकिन तनाव के बीच ऊपरी स्तरों पर प्रॉफिट बुकिंग भी देखने को मिल सकती है.

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