ऑपरेटिंग मुनाफा पिछली तिमाही के समान रहा, लेकिन Net Interest Margin (NIM) करीब 10 बेसिस पॉइंट घटा। इसकी वजह एडवांस पर मिलने वाला रिटर्न कम होना है। हालांकि, गैर-ब्याज आय (non-interest income) में तेज़ बढ़त हुई है, जो मुख्य रूप से ट्रेज़री इनकम के ज़रिए आई।
बैंक ने साल-दर-साल आधार पर लगभग 3% की कमाई में बढ़त दर्ज की। लोन और डिपॉज़िट ग्रोथ क्रमश: 13% और 10% रही, जिसमें सबसे तेज़ ग्रोथ रिटेल सेगमेंट में रही। पर्सनल लोन सालाना आधार पर 21% बढ़े, लेकिन इस तिमाही में इनमें तेज़ गिरावट आई है। NIM में गिरावट और फंड की लागत (cost of funds) थोड़ी बढ़ने के बावजूद, बैंक का रिटर्न ऑन एसेट (RoA) 1.2% और रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 15% पर स्थिर रहा।
NIM में गिरावट चिंता का विषय, लेकिन दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, बैंक का प्रदर्शन अपेक्षा से थोड़ा कमज़ोर रहा, लेकिन हालात चिंताजनक नहीं हैं। लोन ग्रोथ इंडस्ट्री एवरेज से बेहतर है और क्रेडिट कॉस्ट (50 bps) भी लंबे समय के औसत से कम है। रिटेल और SME पोर्टफोलियो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पर्सनल लोन में NPA की स्थिति फिलहाल गंभीर नहीं है। साथ ही, ट्रेज़री से मिली इनकम और पुराने लोन राइट-ऑफ करने की रणनीति से ऑपरेटिंग लेवल पर प्रदर्शन को सपोर्ट मिला है।
FY2026 की पहली छमाही में बैंक को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासतौर से EBLR (External Benchmark Linked Rate) के असर से NIM पर दबाव रहेगा। हालांकि, दूसरी छमाही में जब फंड की लागत कम होगी तो सुधार आने की उम्मीद है।
वैल्यूएशन सस्ते, SBI की तुलना में डिस्काउंट बढ़ा
Kotak का मानना है कि बैंक का वैल्यूएशन काफी आकर्षक है और इसी वजह से उन्होंने ‘Add’ रेटिंग बरकरार रखी है। रिपोर्ट में बैंक को FY2027 की अनुमानित कमाई के आधार पर ~8 गुना PE और 0.9 गुना बुक वैल्यू पर वैल्यू किया गया है। हालांकि, ग्रोथ के अनुमान घटाए गए हैं, जो समग्र अर्थव्यवस्था की स्थिति को दिखाते हैं। SBI की तुलना में बैंक ऑफ बड़ौदा का डीस्काउंट बढ़ा है, जिससे आगे और ज़्यादा गिरावट की संभावना कम हो गई है।
डिस्क्लेमर: यह निवेश सलाह नहीं है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
