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अब IT शेयरों में मचा कोहराम, लगातार 5वें दिन गिरावट, बेयर मार्केट में पहुंचने से निवेशकों के ₹8.4 लाख करोड़ डूबे

अब IT शेयरों में मचा कोहराम, लगातार 5वें दिन गिरावट, बेयर मार्केट में पहुंचने से निवेशकों के ₹8.4 लाख करोड़ डूबे

Last Updated on March 13, 2025 14:35, PM by Pawan

IT Stocks Crash: भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में गुरुवार 13 मार्च को लगातार पांचवें दिन गिरावट जारी रही। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान आधा फीसदी से अधिक टूटकर 36,065.80 के स्तर पर चला गया। इंडेक्स में शामिल सभी 10 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इस गिरावट इंफोसिस, विप्रो और परसिस्टेंट सिस्टम्स जैसी दिग्गज कंपनियों ने की। इसके साथ ही निफ्टी आईटी इंडेक्स अब अपने हालिया शिखर से करीब 21 फीसदी से अधिक टूटकर ‘बेयर मार्केट जोन’ में चला गया है। इस गिरावट के चलते निफ्टी आईटी इंडेक्स मार्केट वैल्यू अपने हालिया शिखर से 8.4 लाख करोड़ रुपये कम हो चुकी है।

यहां तक कि निफ्टी आईटी इंडेक्स में शामिल 10 में से नौ शेयर भी अब बेयर मार्केट जोन में पहुंच गए हैं। सबसे अधिक नुकसान एलटीआई-माइंडट्री (LTIMindtress) के शेयर में हुआ है, जिसके भाव में 34 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं इंफोसिस और TCS जैसी दिग्गज ब्लूचिंप कंपनियों में 24 फीसदी तक की गिरावट आई है।

इन सभी शेयरों में इकलौता अपवाद सिर्फ विप्रो हैं। विप्रो के शेयर में इसके हालिया शिखर से करीब 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह भी अपने आप में काफी अधिक करेक्शन है, लेकिन आधिकारिक तौर पर 20 फीसदी की गिरावट के बाद शेयर में बेयर मार्केट की शुरुआत मानी जाती है।

TCS के शेयरों में गिरावट से उसकी मार्केट वैल्यू में 3.8 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। वहीं इंफोसिस की गिरावट के कारण उसके मार्केट में 1.7 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। LTTS और कोफोर्ज की मार्केट वैल्यू में सबसे कम गिरावट आई है। उनके मार्केट कैप में हालिया शिखर से क्रमश: 15,000 करोड़ रुपये और 16,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।

IT शेयरों में क्यों आ रही गिरावट?

मार्केट एकपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी की आशंका और ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों से पैदा हुआ अनिश्चितता ने भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव बढ़ा दिया है। अमेरिका इन कंपनियों का सबसे बड़ा बाजार है, जहां से उनकी 60-70% आय आती है। एनालिस्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी कंपनियां अपने आईटी बजट में कटौती कर सकती हैं, जिसका असर वित्त वर्ष 2026 में भारतीय आईटी कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर पड़ सकता है। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “विवेकाधीन खर्च में बढ़ोतरी की उम्मीद अब उतनी पक्की नहीं दिख रही, जितनी पहले लग रही थी।”

जियोजिय फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा, “अमेरिकी मंदी की आशंका और टैरिफ वार की आशंका ने ग्लोबल बाजारों पर असर डाला है। पिछले एक महीने में नैस्डैक 100 इंडेक्स में 10% से अधिक की गिरावट आई है, जिसका असर भारतीय आईटी शेयरों पर भी पड़ रहा है।”

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