Last Updated on February 19, 2025 14:23, PM by Pawan
अप्रैल 2025 से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली धीमी पड़ सकती है। ऐसी उम्मीद एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने जताई है। ब्रोकरेज का मानना है कि यूएस डॉलर इंडेक्स (DXY) में पीक और आय की बेहतर संभावना से वैल्यूएशन स्थिर हो जाएगी। 2025 में अब तक FII ने 1,06,445 करोड़ रुपये के इंंडियन शेयर बेचे हैं। कंपनियों की कमजोर अर्निंग, ब्रॉडर मार्केट में महंगी वैल्यूएशन और मजबूत डॉलर के दबाव को लेकर चिंता इसके पीछे प्रमुख कारण रहे। हालांकि, विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को खरीदार बनकर 4,786.56 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक नोट में कहा, “लगातार बिकवाली के दबाव के बावजूद, हम उम्मीद करते हैं कि कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधि स्थिर हो जाएगी। इसकी वजह है कि अर्निंग एस्टिमेट नीचे आ जाएगा और वैल्यूएशन उचित हो जाएगी। DXY में पीक रुपये की गिरावट की चिंताओं को कम करने में मदद करेगा और FPI फ्लो को सपोर्ट करेगा। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिक्विडिटी उपायों से घरेलू इक्विटी को बढ़ावा मिल सकता है। खास तौर पर BFSI सेक्टर को फायदा होगा।”
एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कुछ लार्ज-कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक सुझाए हैं, जो निवेश के लिहाज से बेहतर रहेंगे…
लार्ज-कैप स्टॉक: ल्यूपिन, जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक
मिड-कैप स्टॉक: एस्कॉर्ट्स, पेटीएम, मेट्रोपोलिस
स्मॉल-कैप स्टॉक: स्टोवक्राफ्ट, क्वेस कॉर्प
दिसंबर 2025 तक 25000 पर होगा निफ्टी
एमके में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सीईओ नीरव शेठ ने कहा कि आय में गिरावट का सबसे बुरा दौर खत्म हो सकता है। साल के आखिर में रिकवरी की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “नए सिरे से सरकारी खर्च और टैक्स रिलीफ बेस्ड खपत से ग्रोथ को मदद मिलनी चाहिए। यह खरीद का समय है।” ब्रोकरेज ने दिसंबर 2025 तक निफ्टी के 25,000 पर पहुंचने का लक्ष्य रखा है।
