Last Updated on November 16, 2025 9:59, AM by Khushi Verma
आज के समय में पर्सनल लोन केवल आर्थिक तंगी से निपटने का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि सही योजना और समझदारी से इसका उपयोग कर आप अपनी कुल वित्तीय लागत को कम कर सकते हैं। हाल ही में जारी गाइड के अनुसार, पर्सनल लोन को स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करने से न केवल आपकी मासिक ईएमआई पर दबाव कम होता है बल्कि कुल ब्याज भुगतान में भी बड़ी बचत होती है।
सबसे पहला तरीका है उच्च ब्याज वाले ऋणों का समेकन (Debt Consolidation)। यदि आप कई क्रेडिट कार्ड बिल या अनसिक्योर्ड लोन के बोझ तले हैं, तो कम ब्याज दर वाले पर्सनल लोन की मदद से उन बदले हुए ऋणों को एक जगह समेटा जा सकता है। इससे ब्याज दर कम होगा और चुकौती आसान हो जाएगी। इसके साथ ही, छोटे-छोटे कर्जों को खत्म कर देना भी मुफीद रहता है।
दूसरा सुझाव है कम अवधि का लोन लेना। हालांकि छोटी अवधि के लोन में माहवारी किश्त ज्यादा होती है, लेकिन इससे कुल ब्याज भुगतान अलग-अलग तकनीकों से कम होता है, जिससे आपकी कुल ऋण लागत घटती है। अगर आपकी आय स्थिर और अधिक है, तो यह विकल्प बेहतर साबित होता है।
तीसरी सलाह यह है कि यदि लोन का इस्तेमाल अपनी आय बढ़ाने वाले प्रोडक्टिव खर्चों में करें जैसे कि प्रोफेशनल ट्रेनिंग या उपकरण खरीदना। इसका लाभ यह होता है कि आपका निवेश सीधे आपकी आय में इजाफा करता है, जिससे लोन की लागत स्वाभाविक रूप से निकल जाती है।
चौथा और महत्वपूर्ण पहलू है बेहतर ब्याज दर के लिए तुलना और बातचीत। उच्च क्रेडिट स्कोर, स्थिर रोजगार, और कम कर्ज-आय अनुपात वाले उधारकर्ता आसानी से बेहतर ब्याज दर पा सकते हैं। इसलिए, कई लेंडरों के ऑफर्स की तुलना कर, अपनी क्रेडिट प्रोफाइल सुधार कर और ब्याज दरें घटाने के लिए बातचीत कर आप अपने लोन की लागत कम कर सकते हैं।
अंतिम टिप है समय-समय पर प्रीपेमेंट यानी अतिरिक्त भुगतान करना। बोनस, टैक्स रिफंड या अन्य अप्रत्याशित आय का कुछ हिस्सा लोन की प्रिंसिपल राशि में चुकाने से ब्याज भार कम होता है और लोन अवधि भी घटती है।
पर्सनल लोन का विवेकपूर्ण इस्तेमाल आपको वित्तीय दबाव से राहत पहुंचाता है और आपकी बचत बढ़ाता है। केवल ऋण लेना ही नहीं, बल्कि उसकी चुकौती की रणनीति तय करना भी महत्वपूर्ण है, जिससे लोन आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का साधन बन सके।