Last Updated on November 16, 2025 22:35, PM by Pawan
भारत में रिटायरमेंट के लिए सबसे लोकप्रिय तीन बचत योजनाएं NPS, PPF और EPF हैं, जो अपने-अपने निवेश लक्ष्यों, जोखिम और रिटर्न प्रोफाइल के अनुसार अलग-अलग फायदे देती हैं।
– EPF (एंप्लॉइीज प्रोविडेंट फंड): यह वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। इसमें 8.25% तक फिक्स्ड ब्याज मिलता है जो सुरक्षित और भरोसेमंद है। EPF से आंशिक निकासी संभव है और यह सेवानिवृत्ति तक लॉक रहता है।
– PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड): यह सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है और 15 साल की लंबी लॉक-इन अवधि के साथ आती है। इसमें निश्चित और टैक्स मुक्त रिटर्न मिलता है, जो जोखिम को कम करना पसंद करने वालों के लिए आदर्श है। आंशिक निकासी पाँच वर्षों के बाद संभव है।
– NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम): एक स्वैच्छिक योजना है जो विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में निवेश करती है जैसे इक्विटी, बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज। इसका रिटर्न बाजार आधारित होता है, जो लंबी अवधि में 9-12% तक हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है। NPS में निवेश की लचीलापन अधिक है और टैक्स में अतिरिक्त लाभ भी मिलता है।
कौन किसके लिए उपयुक्त है?
यदि आप स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं तो EPF और PPF बेहतर विकल्प हैं। जहां EPF वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए बेस लाइन सुरक्षा देता है, वहीं PPF जोखिम से बचाव के साथ टैक्स लाभ लेकर आता है। दूसरी ओर, लंबी अवधि में अधिक लाभ और विकसित रिटायरमेंट फंड की चाह रखने वाले निवेशकों के लिए NPS बेहतर विकल्प है, बशर्ते वे बाजार के उतार-चढ़ाव सहने को तैयार हों।
एनपीएस, पीपीएफ और ईपीएफ में से कोई एक श्रेष्ठ नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति, जोखिम क्षमता और रिटायरमेंट की जरूरतों के अनुसार सबसे उपयुक्त विकल्प चुनना जरूरी है। कई वित्तीय विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि तीनों योजनाओं का संयोजन करके निवेश करना बेहतर रिटायरमेंट पोर्टफोलियो तैयार करता है, जो सुरक्षा और विकास दोनों का संतुलन रखता है।
इस तरह आप अपनी जीवनशैली, आयु और आर्थिक प्राथमिकताओं के अनुसार एक मजबूती भरा और टैक्स लाभकारी रिटायरमेंट प्लान तैयार कर सकते हैं।