Last Updated on November 16, 2025 10:00, AM by Khushi Verma
यदि आपका बैंक अकाउंट 10 साल से बिना किसी ट्रांजैक्शन के पड़ा है, तो वह डॉर्मेंट यानी निष्क्रिय हो जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमानुसार ऐसे अकाउंट को निष्क्रिय माना जाता है और इससे आप न तो पैसे निकाल सकते हैं, न ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। डॉर्मेंट अकाउंट में सेविंग, करंट अकाउंट के साथ-साथ वो फिक्स्ड डिपॉजिट भी आते हैं जो मैच्योर हो गए हों, लेकिन बिना किसी गतिविधि के रहे हों।
डॉर्मेंट अकाउंट को फिर से सक्रिय करने के लिए सबसे पहला कदम KYC अपडेट करना होता है। इसके लिए आपको अपने बैंक की होम ब्रांच जाकर आधार कार्ड, पैन कार्ड, हाल की फोटो और एड्रेस प्रूफ लेकर जाना होगा। बैंक आपके दस्तावेजों की जांच करता है और फिर रिएक्टिवेशन प्रक्रिया शुरू करता है। इस दौरान बैंक आपसे एक छोटा सा ट्रांजैक्शन करने को कह सकता है जैसे कि 100 रुपए जमा या निकासी। इस प्रक्रिया के बाद अकाउंट आमतौर पर कुछ ही दिनों में चालू हो जाता है।
RBI ने स्पष्ट किया है कि डॉर्मेंट अकाउंट होने के कारण बैंक कोई शुल्क नहीं लगा सकते, लेकिन रिएक्टिवेशन के बाद एसएमएस अलर्ट, मिनिमम बैलेंस या चेकबुक चार्ज जैसी सर्विस चार्ज लग सकते हैं। दस्तावेज़ों में बदलाव जैसे मोबाइल नंबर या सिग्नेचर बदल जाना भी प्रक्रिया में विलंब कर सकते हैं।
अगर आपका पैसा बैंक ने RBI के Depositor Education and Awareness Fund (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। रिएक्टिवेशन के बाद आप बैंक से इस राशि को वापस ले सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है क्योंकि इस दौरान बैंक आपके पुराने रिकॉर्ड, सिग्नेचर और पहचान की बारीकी से जांच करता है।
ध्यान रखें कि RBI के नियमों के अनुसार डॉर्मेंट अकाउंट की रिएक्टिवेशन ऑनलाइन संभव नहीं है। आपको बैंक शाखा जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन कराना आवश्यक है। इस ओर ध्यान देने से आप अपने निष्क्रिय बैंक खाते दोबारा चालू कर सकते हैं और अपने धन को सुरक्षित रख सकते हैं।
बैंकिंग खाते को सक्रिय बनाए रखना और समय-समय पर ट्रांजेक्शन करना आवश्यक है, ताकि आपके पैसे हमेशा आपके नियंत्रण में रहें और आप किसी भी वित्तीय जरूरत के समय बिना किसी परेशानी के उसका उपयोग कर सकें।