Last Updated on November 16, 2025 9:58, AM by Khushi Verma
हर साल नवंबर में लाखों पेंशनर्स अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate – DLC) जमा करते हैं, जो उनकी जीवितता साबित करने के लिए जरूरी होता है। इस प्रक्रिया में कई बार पेंशनर का DLC रिजेक्ट हो जाता है, जिससे पेंशन मिलने में दिक्कत आ सकती है। आमतौर पर रिजेक्शन के कारण गलत या अधूरी जानकारी देना, आधार नंबर या पेंशन खाता संख्या में त्रुटि, या फिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन की खराब गुणवत्ता होती है।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए पेंशनर्स को UIDAI के जारी किए बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करना होता है, जिसमें फिंगरप्रिंट रीडर स्मार्टफोन से कनेक्ट करके ट्रांजैक्शन किया जाता है। इसका इस्तेमाल करते समय ओटीजी केबल की जरूरत पड़ती है और पूरी सावधानी बरतनी होती है ताकि बायोमेट्रिक डाटा सही ढंग से दर्ज हो सके।
यदि आपका जीवन प्रमाण पत्र रिजेक्ट हो जाता है, तो सबसे पहले अपनी पेंशन डिसबर्सिंग एजेंसी से संपर्क करें। बैंक, डाकघर या संबंधित पेंशन ऑफिसर से बात कर कारण जानना जरूरी है। इसके बाद सही जानकारी और बायोमेट्रिक्स को अपडेट करके नया प्रमाण पत्र तैयार कराएं। जीवन प्रमाण पोर्टल या जीवन प्रमाण ऐप के जरिए भी यह प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र एक साल के लिए वैध होता है और इसे हर साल समय पर जमा करना आवश्यक है। यदि कोई पेंशनर फिर से नौकरी पर गया हो या पुनर्विवाह कर चुका हो, तो वह जीवन प्रमाण पत्र नहीं बना सकता। इसलिए, समय-समय पर अपने DLC की स्थिति जांचते रहना और किसी समस्या पर तुरंत सुधार करवाना जरूरी है।
सरकार की डिजिटल जीवन प्रमाण योजना पेंशनरों के लिए इस प्रक्रिया को आसान, तेज और सुरक्षित बनाने का प्रयास करती है, जिससे पेंशन में रुकावट न आए। पेंशनर्स को सलाह दी जाती है कि वे नवंबर के व्यस्त मौसम में जल्द से जल्द अपना जीवन प्रमाण जमा कर लें ताकि पेंशन क्रेडिट में कोई बाधा न आए।