Last Updated on November 15, 2025 9:46, AM by Khushi Verma
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- Anil Ambani Skips ED Summons On November 14; Virtual Appearance Offer Rejected, Summoned Again For November 17
नई दिल्ली3 मिनट पहले
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ED ने FEMA एक्ट से जुड़े मामले में अनिल अंबानी को 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। ED ने उन्हें समन भेजकर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) से जुड़े मामले में 14 नवंबर को पेश होने को कहा था।
PTI के मुताबिक समन के जवाब में अनिल अंबानी ने वर्चुअल माध्यम से पेश होने की पेशकश की थी। लेकिन ED ने इसे खारिज कर दिया है।
अब जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी को दोबारा समन भेजकर 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।
जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ा है मामला
यह जांच 2010 के जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ी है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) कॉन्ट्रैक्ट दिया था। ED का आरोप है कि प्रोजेक्ट से 40 करोड़ रुपए सूरत की शेल कंपनियों के जरिए दुबई भेजे गए।
इससे एक बड़ा इंटरनेशनल हवाला नेटवर्क उजागर हुआ, जो 600 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। ED ने पहले ही अंबानी और उनकी कंपनियों की 7,500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच कर ली है, जो मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है।
7,500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त हो चुकी
इससे पहले ED ने 3 नवंबर को अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 132 एकड़ जमीन को अटैच कर दिया है। यह जमीन धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) नवी मुंबई में है, जिसकी वैल्यू 4,462.81 करोड़ रुपए है।
इसके अलावा ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को अटैच भी किया था। इन प्रॉपर्टीज में अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर भी है। अटैच की गई प्रॉपर्टीज की कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपए बताई गई। यानी अब तक अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप से जुड़ी कुल 7,500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की जा चुकी है।

अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर 16,000 वर्ग फीट में बना है।
ED की जांच में फंड डायवर्जन का भी खुलासा
ED ने अपनी जांच में पाया है कि रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में 2,965 करोड़ और RCFL में 2,045 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया था।
लेकिन दिसंबर 2019 तक ये अमाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) बन गए। RHFL का 1,353 करोड़ और RCFL का 1,984 करोड़ अभी तक बकाया है। कुल मिलाकर यस बैंक को 2,700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ।
ED के मुताबिक ये फंड्स रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किए गए। लोन अप्रूवल प्रोसेस में भी कई गड़बड़ियां मिलीं। जैसे, कुछ लोन उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स हो गए। फील्ड चेक और मीटिंग्स स्किप हो गईं। डॉक्यूमेंट्स ब्लैंक या डेटलेस मिले।
ED ने इसे ‘इंटेंशनल कंट्रोल फेल्योर’ बताया है। जांच PMLA की धारा 5(1) के तहत चल रही है और 31 अक्टूबर 2025 को अटैचमेंट ऑर्डर जारी हुए
3 सवाल-जवाब में फंड डायवर्जन का पूरा मामला:
सवाल 1: अनिल अंबानी के खिलाफ ED ने कार्रवाई क्यों की?
जवाब: मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है।
ED की शुरुआती जांच में पता चला कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।
सवाल 2: ED की जांच में और क्या-क्या सामने आया?
जवाब: ED का कहना है कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:
- कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
- कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
- लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
- फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
- पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।
सवाल 3: इस मामले में CBI की क्या भूमिका है?
जवाब: CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।
इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। अब ED इस मामले की जांच कर रही है।