Last Updated on November 14, 2025 17:49, PM by Khushi Verma
देश में यूपीआई (UPI) के जरिए पैसे भेजने की लिमिट अब अलग-अलग बैंकों के हिसाब से तय होती है, न कि ऐप्स के अनुसार। कई यूजर्स को पता नहीं होता कि उनकी बैंक लिमिट क्या है, जिसके कारण ट्रांजेक्शन फेल हो जाते हैं। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे ऐप्स आपकी बैंक की लिमिट के अनुसार ही पेमेंट इजाजत देते हैं।
बैंक की लिमिट जानें और बढ़ाएं
हर बैंक अपनी रिस्क प्रोफाइल, पिछले ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और यूजर एक्टिविटी के आधार पर लिमिट लगाता है। आपकी बैंक लिमिट जानने के लिए बैंक के ऐप में UPI या फंड ट्रांसफर सेक्शन देखें। कई बार आपकी लिमिट सिक्योरिटी ब्लॉक, फोन या सिम बदलने, UPI पिन रिसेट जैसे कारणों से कम हो जाती है।
अगर आपको लिमिट बढ़ानी है तो पहले अपनी बैंक ऐप या वेबसाइट से लिमिट बढ़ाने का ऑप्शन खोजें। कई बैंक ऐप्स में ‘Manage UPI limits’ का विकल्प होता है। बढ़ाई गई लिमिट बैंक के मंजूर होने पर तुरंत ऐप्स में अपडेट हो जाती है। अगर बैंक ने कड़ी रिस्क पॉलिसी बनाई है, तो लिमिट तत्काल नहीं बढ़ेगी।
सुरक्षा कारण और सीमाएं
कुछ मामलों में बैंक हाई-वैल्यू पेमेंट पर कुछ समय के लिए लिमिट लगाते हैं, ताकि फ्रॉड से बचा जा सके। नए डिवाइस या बेंफिशियरी जोड़ने पर भी लिमिट बढ़ाने में इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा, त्योहारों या प्रमोशन के समय भी लिमिट कुछ समय के लिए कम हो सकती है।
समाधान विकल्प
अगर किसी ऐप से लिमिट बढ़ाना संभव नहीं होता तो सीधे बैंक ऐप से कोशिश करें। कई बार नेट बैंकिंग, IMPS या RTGS से बड़ी रकम भेजना ज्यादा आसान होता है।
इसलिए, यूजर को अपनी बैंक की UPI लिमिट समझनी जरूरी है और लिमिट बढ़ाने के लिए स्मार्ट तरीके अपनाने चाहिए, जिससे बिना परेशानी के बड़े भुगतान कर सकें।