घरेलू आईटी इंडस्ट्री की सबसे दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 14 साल बाद सबसे मूल्यवान कंपनी का ताज खो दिया है। अब TCS का शेयर उसकी कॉम्पिटिटर्स कंपनियों इन्फोसिस और HCL टेक की तुलना में सस्ता हो गया है। फिलहाल, TCS का प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (PE रेश्यो) 22.5 गुना है, जो इन्फोसिस के 22.9 गुना और HCL के 25.5 गुना से नीचे आ गया है।
मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक इस बदलाव की वजह कंपनी की मुनाफे की धीमी रफ्तार और बाजार में घटते दबदबे के कारण है, जिसने निवेशकों के नजरिए को पूरी तरह से बदल दिया है। 2011 से इन 14 साल के दौरान, TCS का औसत P/E इंडस्ट्री के औसत P/E से लगभग 15% तक ज्यादा रहता था। पिछले साल सितंबर के आखिर में TCS का PE रेश्यो 32.6 गुना था। लेकिन अब यह कहानी पलट गई है।
TCS का वेटेज घटा, 1 साल में मार्केट कैप में 27% गिरावट
बाजार में भी इस आईटी दिग्गज कंपनी टीसीएस का वेटेज घटा है। निफ्टी 50 की टॉप 5 आईटी कंपनियों के कुल बाजार मूल्य में टीसीएस का हिस्सा मार्च 2020 में 55% था, जो अब 43.4% रह गया है।
टीसीएस की मार्केट वैल्यू लगभग बुधवार को 11.3 लाख करोड़ रुपए था, जबकि टॉप 5 कंपनियों का कुल मूल्य लगभग ₹26.1 लाख करोड़ था।
टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों?
कोरोना महामारी के बाद आईटी सेक्टर के मूल्यांकन में गिरावट आई है, लेकिन टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। टीसीएस ने पिछले साल सितंबर में अपनी रिकॉर्ड हाई से लगभग 27% मार्केट वैल्यू खो दिया है। तब कंपनी का कुल मार्केट कैप 15.44 लाख करोड़ रुपए था। इससे टीसीएस का P/E रेश्यो सितंबर 2021 के 38.2 गुना के रिकॉर्ड स्तर से 22.5 गुना पर आ गया है।
बैंकिंग, फाइनेंस और बीमा सेक्टर का वेटेड निफ्टी 50 में 35.4% पहुंचा
दो साल पिछड़ने के बाद बैंकिंग, फाइनेंस और बीमा (BFSE) सेक्टर का निफ्टी 50 में वेटेज 3 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। निफ्टी 50 में इस सेक्टर का वेटेज अब 35.4% पहुंच गया है। दिसंबर 2024 के अंत में इसका वेटेज 33.4% और दिसंबर 2023 में 34.5% था। हालांकि यह सेक्टर दिसंबर 2019 में अपने रिकॉर्ड वेटेज 40.6% से अभी भी नीचे है।
एक्सपर्ट व्यू: बीते 4 क्वार्टर में TCS का परफॉर्मेंस कमजोर
टीसीएस के मूल्यांकन में तेज गिरावट का मुख्य कारण है उसकी मुनाफे की ग्रोथ में आई तेज कमी है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी सर्विसेज के फाउंडर और सीईओ जी. चोक्कालिंगम के मुताबिक ‘हाल की तिमाहियों में, टीसीएस ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में प्रॉफिट ग्रोथ में बहुत तेज गिरावट और मार्जिन में ज्यादा कमी दिखाई है।
निवेशकों को उम्मीद है कि यह रुझान जारी रहेगा, जिसके चलते टीसीएस की वैल्यूएशन गिर गया है। पिछले चार तिमाहियों में, टीसीएस का नेट प्रॉफिट साल-दर-साल महज 4.4% फीसदी बढ़ा, जबकि टॉप 5 आईटी कंपनियों का कुल नेट प्रॉफिट 6% बढ़ा। एनालिस्ट टीसीएस के आगामी तिमाही के ग्रोथ आउटलुक को लेकर सतर्क हैं।
