Last Updated on November 13, 2025 19:33, PM by Pawan
8th Pay Commission: काफी इंतजार के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) का ऐलान कर दिया है। सरकार के ऐलान से देश के 1 करोड़ सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स ने राहत की सांस ली है। सरकार ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजना देसाई करेंगी। आयोग को कर्मचारियों के वेतन, बोनस, ग्रेच्युटी, भत्तों और परफॉर्मेंस आधारित इंसेंटिव्स की समीक्षा कर सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है। अब ग्रामीण डाक सेवक 8वें वेतन आयोग के तहत आने और सैलरी बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
18 महीने में देनी होंगी सिफारिशें
सरकार ने आयोग को आदेश दिया है कि वह अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर रिपोर्ट सौंप दे। आयोग चाहें तो अंतरिम रिपोर्ट (Interim Report) भी पेश कर सकता है। ताकि, जरूरी बदलाव जल्दी लागू किए जा सकें।
GDS को भी शामिल करने की मांग
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डाक सेवक भी उतनी ही जिम्मेदारी निभाते हैं जितनी शहरी इलाकों में उनके साथी निभाते हैं। लेकिन हर बार उनके लिए अलग समिति बना दी जाती है। इस वजह से उन्हें वेतन आयोग से मिलने वाले भत्ते और वेतन बढ़ोतरी के फायदे नहीं मिलते।
GDS क्यों अलग हैं?
फिलहाल, ग्रामीण डाक सेवक केंद्र सरकार के कर्मचारी नहीं माने जाते, इसलिए वे 7वें वेतन आयोग (7th CPC) के तहत नहीं आते। वे गांवों में छोटे डाकघर चलाते हैं और डाक वितरण, मनी ऑर्डर, बैंकिंग, आधार सेवाएं और सरकारी योजनाओं का काम संभालते हैं। उनकी सैलरी और सर्विस सेंट्रल पे कमीशन की जगह कंडीशन्स डिपार्टमेंटल कमिटी तय करती है।
कब तक आएगी रिपोर्ट?
8वें वेतन आयोग ने अपने डॉक्यूमेंट और रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तय समयानुसार आयोग को अप्रैल 2027 तक सिफारिशें देनी होंगी। हालांकि, अगर रिपोर्ट जल्दी तैयार होती है तो सरकार उस पर पहले भी विचार कर सकती है।इसके बाद सरकार समीक्षा कर सिफारिशों को मंजूरी देगी और फिर नया सैलरी स्ट्रक्चर लागू होगा। इस कदम से लाखों सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि आने वाले सालों में वेतन और पेंशन में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।