Last Updated on November 12, 2025 7:27, AM by Khushi Verma
सीबिल स्कोर आपकी क्रेडिट योग्यता का महत्वपूर्ण आंकड़ा होता है, जो 300 से 900 के बीच होता है। हाई स्कोर दर्शाता है कि आप अपने ऋण समय पर चुका रहे हैं और जिम्मेदारी से वित्तीय प्रबंधन कर रहे हैं, जबकि खराब स्कोर जमा न कर पाने या देरी से भुगतान करने का संकेत देता है। अगर आपका सीबिल स्कोर कम हो गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है, अपने प्रयासों से आप साल के अंत तक इसे बेहतर बना सकते हैं।
सीबिल स्कोर क्या है
सीबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय व्यवहार की झलक होता है। 650 से 700 या उससे ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है, जो आपके लिए लोन या क्रेडिट कार्ड स्वीकृति की संभावनाएं बढ़ाता है। बेहतर स्कोर से ब्याज दरें और क्रेडिट लिमिट में भी लाभ मिलता है, जिससे आपको वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
कैसे सुधारें सीबिल स्कोर?
1. जमा बकाया का भुगतान करें
सबसे जरूरी काम होता है सभी बकाया राशियों को चुकाना, क्योंकि लेट पेमेंट से स्कोर पर निगेटिव असर पड़ता है। अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड या लोन हैं, तो उन्हें कंसोलिडेट करके एक ही लोन में बदलना बेहतर होता है ताकि भुगतान व्यवस्थित हो।
2. ईएमआई को मासिक वेतन का 30% रखें
अपने मासिक शुद्ध वेतन का तीस प्रतिशत से ज्यादा ईएमआई न दें। यह बात ऋणदाता को आपकी भुगतान क्षमता दिखाती है और क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत बनाती है।
3. क्रेडिट कार्ड का संतुलित उपयोग करें
क्रेडिट कार्ड का बैलेंस कम रखें और सोच-समझकर ही नए क्रेडिट के लिए आवेदन करें। नियमित भुगतान से आपका क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर होती है।
4. सेक्योर और अनसेक्योर लोन का संतुलित मिश्रण रखें
सिर्फ अनसेक्योर लोन जैसे कि पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर निर्भर न रहें। कुछ सेक्योर लोन जैसे होम लोन या ऑटो लोन भी आपके क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत करते हैं।
5. सीबिल स्कोर की नियमित जांच करें
अपने क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर देखें ताकि किसी भी ग़लत आक़ड़ो को ठीक कराया जा सके। इससे आपके स्कोर पर नजर बनी रहेगी और सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे।
एक बेहतर सीबिल स्कोर आपको आने वाले समय में बेहतर ऋण स्वीकृति, कम ब्याज दर और ज्यादा वित्तीय विकल्प खुलवाता है। इसलिए इस साल के अंत तक इन सरल लेकिन महत्वपूर्ण कदमों को अपनाएं और अपनी क्रेडिट योग्यता को सुधारकर वित्तीय सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ें। ध्यान रखें कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और नियमित अनुशासन से ही हासिल होती है।