Last Updated on November 12, 2025 17:54, PM by Pawan
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले सात महीनों में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ₹12.92 लाख करोड़ रहा है। ये पिछले साल के इसी पीरियड के ₹12.07 लाख करोड़ से 7% ज्यादा है। लेकिन रिफंड्स में 17.7% की गिरावट आई, जो ₹2.42 लाख करोड़ रह गई।
नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में पर्सनल इनकम टैक्स (सैलरीड और इंडिविजुअल्स का) और कॉर्पोरेट टैक्स (कंपनियों का) दोनों का बड़ा शेयर होता है। इसमें STT भी शामिल होता है।
कलेक्शन और रिफंड्स के आंकड़े
नेट डायरेक्ट टैक्स: ₹12.92 लाख करोड़ (पिछले साल ₹12.07 लाख करोड़ से 7% ज्यादा)।
ग्रॉस टैक्स कलेक्शन: ₹15.35 लाख करोड़ (पिछले साल ₹15.02 लाख करोड़ से 2.15% ग्रोथ)।
रिफंड्स जारी: ₹2.42 लाख करोड़ (पिछले साल ₹2.94 लाख करोड़ से 17.72% कम)।
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT): ₹35,682 करोड़ (पिछले साल ₹35,923 करोड़ से थोड़ा कम)। ये आंकड़े 10 नवंबर 2025 तक के हैं, जो टैक्स कंप्लायंस में सुधार का संकेत देते हैं।
क्यों बढ़ा कलेक्शन, रिफंड्स कम क्यों हुए
डायरेक्ट टैक्स में ग्रोथ का मुख्य कारण सैलरीड लोगों और स्मॉल बिजनेस ओनर्स की बेहतर कमाई है। पिछले साल टैक्स रेट कट्स के बावजूद पर्सनल इनकम टैक्स मजबूत रहा। नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स से कलेक्शन स्ट्रॉन्ग है। रिफंड्स कम होने की 2 वजहें ये हो सकती हैं:
- सैलरीड क्लास और स्मॉल बिजनेस ओनर्स की कमाई बढ़ने से टैक्स लायबिलिटी बैलेंस हो गई, जिससे एक्स्ट्रा रिफंड की जरूरत कम पड़ी।
- गवर्नमेंट इस साल रिफंड्स को ज्यादा सतर्कता से प्रोसेस कर रही है। जैसे वेरिफिकेशन स्ट्रिक्ट किया गया, ताकि फ्रॉड क्लेम्स रोके जा सकें।
इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर
ये आंकड़े इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव है, क्योंकि डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू स्टेडी बढ़ रहा है। लेकिन STT फ्लैट होने से स्टॉक मार्केट में साइडवेज ट्रेंड का अंदाजा लगता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये टैक्स कंप्लायंस में सुधार दिखाता है, लेकिन रिफंड डिले से ट्रस्ट इश्यू हो सकता है।
फ्यूचर में IPO बूम से STT बढ़ सकता है, जो टैक्स कलेक्शन को और बूस्ट देगा। गवर्नमेंट का प्लान टैक्स सिस्टम को और डिजिटल बनाना है, ताकि रिफंड प्रोसेसिंग तेज हो।