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Stock Market This week: इस हफ्ते Q2 नतीजों, महंगाई के आंकड़ों समेत इन अहम फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल

Stock Market This week: इस हफ्ते Q2 नतीजों, महंगाई के आंकड़ों समेत इन अहम फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल

Last Updated on November 9, 2025 15:23, PM by Pawan

घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से पैसे निकाले जाने और वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख से निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ। सेंसेक्स 94.73 अंक या 0.11 प्रतिशत गिरकर 83,216.28 पर बंद हुआ। निफ्टी 17.40 अंक या 0.07 प्रतिशत कमजोर होकर 25,492.30 पर आ गया। सप्ताह के दौरान BSE सेंसेक्स 722.43 अंक या 0.86% टूट गया। वहीं NSE निफ्टी 229.8 अंक या 0.89% नीचे आया। नए सप्ताह में बाजार की चाल किन फैक्टर्स के बेसिस पर तय होगी, आइए जानते हैं…

कंपनियों के तिमाही नतीजे

नए सप्ताह के दौरान ONGC, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों आएंगे, जिन पर सभी की निगाह रहेगी।

खुदरा और थोक महंगाई

पीटीआई के मुताबिक, रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है, ‘‘यह सप्ताह महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि कई प्रमुख मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़े जारी होने वाले हैं। घरेलू मोर्चे पर, भारत में खुदरा महंगाई और थोक महंगाई के आंकड़ों पर नजर रहेगी।’’

विदेशी निवेशकों का रुख

इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी शेयर बाजार के रुख को प्रभावित करेंगी। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बायर रहे। उन्होंने शुक्रवार को 4,581.34 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

रुपये-डॉलर का रुख

अगले सप्ताह रुपये-डॉलर का रुख और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया दो पैसे टूटकर 88.65 पर बंद हुआ। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत बढ़कर 99.72 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड, वायदा कारोबार में 1.09 प्रतिशत बढ़कर 64.07 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिकी शटडाउन

ऑनलाइन ट्रेडिंग और वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सभी की निगाहें अमेरिका में कुछ विभागों में शटडाउन पर रहेगी। इसकी वजह से महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों को जारी नहीं किया जा सका है, जिससे निवेशकों और पॉलिसी मेकर्स को वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

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