Last Updated on November 9, 2025 1:13, AM by Pawan
SIP vs SWP vs STP: आज की तेजी से बदलती वित्तीय दुनिया में कई निवेशक ऐसे तरीके ढूंढ रहे हैं, जिनसे वे अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए बेहतर रिटर्न कमा सकें। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय तीन शब्द अक्सर सामने आते हैं- SIP, SWP और STP। ये तीनों देखने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनका काम और मकसद अलग-अलग है। हर विकल्प निवेशक की वित्तीय यात्रा के अलग चरणों में मदद करता है।
Systematic Investment Plan (SIP) म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश करने का सबसे आसान तरीका है। इसमें एक साथ बड़ी रकम लगाने की जरूरत नहीं होती। निवेशक हर महीने या तय समय पर एक निश्चित रकम डालते हैं। SIP की रकम 100 रुपये महीना भी हो सकती है। यह रकम कंपाउंडिंग के जरिए वक्त के साथ बढ़ती रहती है।
SIP का सबसे बड़ा फायदा है रुपया लागत औसत (Rupee Cost Averaging)। जब बाजार नीचे होता है तो ज्यादा यूनिट मिलती हैं और जब ऊपर होता है तो कम। इससे लंबे समय में मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है और वेल्थ स्थिर रूप से बनती है।
SIP उन लोगों के लिए आदर्श है जो अनुशासन के साथ बचत करना चाहते हैं। जैसे कि बच्चे की पढ़ाई, घर खरीदना या रिटायरमेंट जैसा बड़ा लक्ष्य। छोटी रकम भी सालों में एक बड़ा फंड बना सकती है।
Systematic Withdrawal Plan (SWP) SIP का एकदम उल्टा तरीका है। इसमें निवेशक अपने म्यूचुअल फंड से निश्चित अंतराल पर एक निश्चित रकम निकालते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है, जिन्हें हर महीने तय आमदनी चाहिए। जैसे कि रिटायर्ड लोग।
SWP की खासियत यह है कि आपका फंड निवेश में लगा रहता है और बढ़ता भी है। वहीं, आपको नियमित पैसे मिलते रहते हैं। यह पेंशन जैसी स्थिर आमदनी का विकल्प बन जाता है। इसके अलावा, टैक्स के नजरिए से भी यह तरीका एकमुश्त रकम निकालने की तुलना में ज्यादा फायदेमंद रहता है।
Systematic Transfer Plan (STP) SIP और SWP जैसे दोनों तरीकों के बीच काम करता है। इसमें निवेशक एक म्यूचुअल फंड से दूसरे फंड में नियमित रूप से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। अक्सर डेट फंड से इक्विटी फंड में। यह उन लोगों के लिए खास है जिन्हें किसी कारण बड़ी रकम मिलती है, लेकिन वे इसे एक बार में शेयर बाजार में लगाने का जोखिम नहीं लेना चाहते।
STP के जरिए निवेशक पहले पैसा सुरक्षित डेट फंड में रखते हैं और धीरे-धीरे इक्विटी में शिफ्ट करते हैं। इससे मार्केट के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होता है और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न का मौका भी बना रहता है।

कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए?
तीनों विकल्प अच्छे हैं, लेकिन उनका अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल करना चाहिए। तभी आपको असली फायदा मिलेगा।
SIP: नियमित और अनुशासित निवेश के जरिए लंबी अवधि में फंड तैयार करने के लिए।
SWP: रिटायरमेंट जैसी स्थिति में नियमित आय पाने के लिए।
STP: बड़ी रकम को जोखिम-संतुलित तरीके से बाजार में लगाने के लिए।
कौन-सा विकल्प आपके लिए सही है, यह आपके वित्तीय लक्ष्य, आपकी कमाई की स्थिति और आपके जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। कई निवेशक तीनों को मिलाकर इस्तेमाल करते हैं ताकि उनके पोर्टफोलियो में ग्रोथ, सुरक्षा और नियमित आय तीनों का संतुलन बना रहे।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। Stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।