Last Updated on November 9, 2025 9:49, AM by Pawan
सोलर इनवर्टर, पैनल और बैटरी बनाने वाली फुजियामा पावर सिस्टम्स का IPO 13 नवंबर को खुलने वाला है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास 7 नवंबर को आरएचपी (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) जमा किया गया था। इसके अनुसार, कंपनी अपने IPO में 600 करोड़ रुपये के नए शेयर कर रही है। साथ ही प्रमोटर पवन कुमार गर्ग और योगेश दुआ ऑफर-फॉर-सेल के माध्यम से 1 करोड़ इक्विटी शेयर बेच रहे हैं। प्रमोटर्स में सुनील कुमार भी शामिल हैं।
फुजियामा पावर सिस्टम्स ने अपने पब्लिक इश्यू के लिए इस साल 6 मार्च को ड्राफ्ट दोबारा जमा किया था। उस वक्त ऑफर-फॉर-सेल 2 करोड़ इक्विटी शेयरों का था। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने जुलाई 2025 में ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी।
20 नवंबर को लिस्ट हो सकती है Fujiyama Power Systems
फुजियामा पावर सिस्टम्स के IPO में एंकर निवेशक 12 नवंबर को बोली लगा सकेंगे। इश्यू की क्लोजिंग 17 नवंबर को होगी। इसके बाद अलॉटमेंट 18 नवंबर को फाइनल होगा और शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 20 नवंबर को होगी। कंपनी यूटीएल सोलर और फुजियामा सोलर ब्रांड्स के तहत रूफटॉप सोलर इंडस्ट्री में प्रोडक्ट और समाधान ऑफर करती है। इसके लिस्टेड कॉम्पिटीटर्स में वारी एनर्जीज, प्रीमियर एनर्जीज, एक्सिकॉम टेली सिस्टम्स और इनसोलेशन एनर्जी जैसे नाम शामिल हैं।
कंपनी अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों में से 180 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मध्य प्रदेश के रतलाम में सोलर इनवर्टर, सोलर पैनल और लीथियम-आयन बैटरी के लिए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए करेगी। इसके अलावा, 275 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और बाकी पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
कंपनी की वित्तीय सेहत
फुजियामा पावर सिस्टम्स ने जून 2025 को समाप्त तिमाही में 597.3 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 67.6 करोड़ रुपये का मुनाफा देखा। वित्त वर्ष 2025 के दौरान मुनाफा 245.2 प्रतिशत बढ़कर 156.4 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 45.3 करोड़ रुपये था। इसी अवधि में रेवेन्यू 66.6 प्रतिशत बढ़कर 1,540.7 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 924.7 करोड़ रुपये था। फुजियामा पावर सिस्टम्स के IPO के लिए मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, मर्चेंट बैंकर हैं। IPO में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है।