Last Updated on November 7, 2025 20:18, PM by Pawan
ग्रो का आईपीओ आखिरी दिन करीब 18 गुना सब्सक्राइब हुआ। ग्रो की पेरेंट कंपनी बिलियनरेंस गैरेज वेंचर्स ने 6,632 करोड़ रुपये का आईपीओ पेश किया था। इस इश्यू में कंपनी के 36.47 करोड़ शेयर बेचे जा रहे हैं। इसके मुकाबले इनवेस्टर्स ने 641 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई। रिटेल इनवेस्टर्स की कैटेगरी में यह इश्यू 9.43 फीसदी सब्सक्राइब हुआ। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स कैटेगरी में यह इश्यू 14.20 गुना सब्सक्राइब हुआ।
ग्रे मार्केट में शेयरों पर चल रहा 9 फीसदी प्रीमियम
ग्रे मार्केट में शेयरों की कीमतों पर नजर रखने वाले प्लेटफार्म्स के मुताबिक, Groww के शेयरों पर 9 फीसदी प्रीमियम चल रहा है। इसका मतलब है कि कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट्स में 9 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हो सकता है। ग्रे ने आईपीओ में शेयरों का प्राइस बैंड 95-100 रुपये तय किया है। शेयरों के प्राइस बैंड के ऊपरी लेवल पर कंपनी की वैल्यूएशन 61,700 करोड़ रुपये आती है। कंपनी के शेयर 12 नवंबर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होंगे।
क्लाइंट्स की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म
Groww की शुरुआत 2016 में हुई थी। क्लाइंट्स की संख्या के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म बन गई है। जून 2025 में इसके एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या 1.26 करोड़ थी, जबकि बाजार हिस्सेदारी 26 फीसदी थी। स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट में वेल्थ के हेड शिवानी नयाती ने इनवेस्टर्स को इस इश्यू में निवेश करने सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि ग्रो एक प्रमुख डायरेक्ट-टू-डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 26 फीसदी है।
एक्सपर्ट्स ने दी है आईपीओ में निवेश की सलाह
Ya Wealth के अनुज गुप्ता ने ग्रो के आईपीओ को ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग दी थी। उन्होंने कहा था कि कंपनी ने 95 से 100 रुपये का प्राइस बैंड रखा है, जिससे कंपनी की वैल्यूएशन 61,700 करोड़ रुपये आती है। ग्रो का मुकाबला जीरोधा और एंजल वन जैसी ब्रोकिंग फर्मों से है। हालांकि, गुप्ता का मानना है कि सेबी के हालिया रिफॉर्म्स का असर ब्रोकिंग इंडस्ट्री पर पड़ा है। ग्रो आईपीओ से मिले पैसे का इस्तेमाल बिजनेस के विस्तारक के लिए करेगी। उन्होंने कहा था कि इनवेस्टर्स लिस्टिंग गेंस के लिए इस इश्यू पर दांव लगा सकते हैं।
निवेशकों को हर आईपीओ में निवेश से बचने की सलाह
यह साल आईपीओ के लिहाज से अच्छा रहा है। अक्तूबर में कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ आए। नवंबर भी आईपीओ के लिहाज से व्यस्त महीना रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक के बाद एक आईपीओ मार्केट में आ रहे हैं। ऐसे में निवेशकों को इस बारे में सोचना जरूरी है कि उन्हें किस आईपीओ में बोली लगानी है और किसमें नहीं लागनी है। फर्स्ट ग्लोबल की फाउंडर देविना मेहरा ने कहा कि निवेशकों को बड़े नाम देखकर आईपीओ में निवेश का फैसला नहीं लेना चाहिए।