Last Updated on November 6, 2025 3:39, AM by Pawan
डेल्हीवरी ने 5 नवंबर को सितंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया। इस तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन खराब रहा। कंपनी को दूसरी तिमाही में 50.5 करोड़ रुपये का लॉस हुआ है। बीएसई में कंपनी का शेयर 4 नवंबर को 2.73 फीसदी चढ़कर 484.95 रुपये पर बंद हुआ था। 5 नवंबर को स्टॉक मार्केट में छुट्टी थी। 2025 में डेल्हीवरी के शेयरों का प्रदर्शन शानदार रहा है। इसने 39 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है।
डेल्हीवेरी ने किया था ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण
सितंबर तिमाही के नतीजों को देखने से पता चलता है कि Delhivery के नुकसान में आने की वजह ईकॉम एक्सप्रेस का अधिग्रहण है। डेल्हीवरी ने इस साल अप्रैल में इस डील का ऐलान किया था। उसने 99.4 फीसदी हिस्सेदारी 1,407 करोड़ रुपये में खरीदी है। ईकॉम एक्सप्रेस डेल्हीवेरी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी थी। यह डील पूरी तरह से कैश में हुई। सितंबर तिमाही की शुरुआत में अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई।
पिछले साल सितंबर तिमाही में 10 करोड़ का प्रॉफिट
डेल्हीवरी ने एक साल पहले की सितंबर तिमाही में 10.2 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। इस जून तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 91 करोड़ रुपये था। इस बार सितंबर तिमाही में ऑरपरेशंस से कंपनी का रेवेन्यू 17 फीसदी बढ़कर 2,559.3 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का EBITDA सितंबर तिमाही में 150 करोड़ और मार्जिन 5.9 फीसदी रहा।
ईकॉम एक्सप्रेस के अधिग्रहण से बढ़ी शिपमेंट
सितंबर तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 18 फीसदी बढ़कर 2,708. 1 करोड़ रुपये रहा। डेल्हीवरी को सबसे ज्यादा रेवेन्यू एक्सप्रेस पार्सल सेगमेंट से आता है। इस सेगमेंट की शिपमेंट दूसरी तिमाही में साल दर साल आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 24.6 करोड़ रही। इसमें ईकॉम एक्सप्रेस के अधिग्रहण का बड़ा हाथ है। एक्सप्रेस पार्सल बिजनेस से कंपनी का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 24 फीसदी बढ़कर 1,611 करोड़ रुपये रहा।
एक्सप्रेस पार्सल में डेल्हीवरी की 20 फीसदी हिस्सेदारी
कंपनी का प्रदर्शन आगे बेहतर रहने की उम्मीद है। एनालिस्ट्स का मानना है कि जीएसटी रेट्स में कमी से कंजम्प्शन बढ़ने के संकेत है। इसका फायदा डेल्हीवरी जैसी लॉजिस्टिक्स कंपनियों को मिलेगा। डेल्हीवरी करीब पूरे देश में लॉजिस्टिक्स सेवाएं देती है। 18,800 से ज्यादा पिन कोड्स में इसकी सर्विसेज उपलब्ध हैं। एक्सप्रेस पार्सल में इसकी बाजार हिस्सेदारी 20 फीसदी से ज्यादा है। ईकॉम एक्सप्रेस के अधिग्रहण से लॉजिस्टिक्स मार्केट में इसकी स्थिति मजबूत हुई है।