Last Updated on November 3, 2025 17:44, PM by Khushi Verma
Shiprocket IPO: शिपरॉकेट को अपने IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI से मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने मई 2025 में कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। शिपरॉकेट के IPO का साइज 2400 करोड़ रुपये है।
कंपनी में ग्लोबल इनवेस्टमेंट कंपनी टेमासेक और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो का भी पैसा लगा हुआ है। शिपरॉकेट एक शिपिंग प्रोवाइडर से डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स और MSMEs के लिए एक फुल-स्टैक ई-कॉमर्स इनेबलर बन चुकी है। IPO में नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल (OFS) भी रहेगा। टेमासेक, जोमैटो और इन्फो ऐज शेयरों को नहीं बेचेंगे। OFS में केवल शुरुआती निवेशकों और कंपनी के फाउंडर्स की ओर से शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा।
Shiprocket IPO के पैसे कैसे होंगे इस्तेमाल
IPO में नए शेयरों को जारी करके हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रणनीतिक अधिग्रहण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और कंपनी के टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, शिपरॉकेट के IPO के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं।
कंपनी की वित्तीय सेहत
शिपरॉकेट का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2025 में 24% बढ़कर 1632 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले यह 1316 करोड़ रुपये था। डोमेस्टिक शिपिंग प्लेटफॉर्म्स और वैल्यू एडेड टेक ऑफरिंग्स समेत कोर बिजनेस से रेवेन्यू 20% बढ़कर 1306 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 74 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा देखा, जबकि एक साल पहले 595 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। EBITDA 7 करोड़ रुपये रहा। कोर बिजनेस से कैश EBITDA दोगुने से ज्यादा बढ़कर 157 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एमर्जिंग बिजनेस से कैश EBITDA में 25% का इजाफा हुआ।