Last Updated on November 3, 2025 10:34, AM by Pawan
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को अटैच कर दिया है। इनकी कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
ये एक्शन मनी लॉन्ड्रिंग केस में लिया गया है, जिसमें यस बैंक के लोन और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) के फंड डायवर्जन का मामला शामिल है।
प्रॉपर्टीज में अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर भी है। ये आदेश 31 अक्टूबर 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत जारी किए गए। ED का कहना है कि ये स्टेप पब्लिक मनी को रिकवर करने के लिए जरूरी हैं।
ED की जांच में फंड डायवर्जन का खुलासा
ED ने अपनी जांच में पाया है कि रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में 2,965 करोड़ और RCFL में 2,045 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया था। लेकिन दिसंबर 2019 तक ये अमाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) बन गए। RHFL का 1,353 करोड़ और RCFL का 1,984 करोड़ अभी तक बकाया है। कुल मिलाकर येस बैंक को 2,700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ।
ED के मुताबिक, ये फंड्स रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किए गए। लोन अप्रूवल प्रोसेस में भी कई गड़बड़ियां मिलीं। जैसे, कुछ लोन उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स हो गए। फील्ड चेक और मीटिंग्स स्किप हो गईं। डॉक्यूमेंट्स ब्लैंक या डेटलेस मिले। ED ने इसे ‘इंटेंशनल कंट्रोल फेल्योर’ बताया है। जांच PMLA की धारा 5(1) के तहत चल रही है, और 31 अक्टूबर 2025 को अटैचमेंट ऑर्डर जारी हुए।
अटैच प्रॉपर्टीज की डिटेल्स: दिल्ली से चेन्नई तक फैलीं
अटैच की गई प्रॉपर्टीज दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी जैसे शहरों में हैं। इनमें रेसिडेंशियल यूनिट्स, ऑफिस स्पेस और लैंड पार्सल शामिल हैं। खासकर अनिल अंबानी का पाली हिल रेसिडेंस सबसे हाई-प्रोफाइल है। ED का फोकस क्राइम प्रोसीड्स को ट्रेस करने पर है, ताकि और प्रॉपर्टीज अटैच की जा सकें। अभी तक 3,084 करोड़ की वैल्यू अटैच हो चुकी है।