Last Updated on November 2, 2025 8:19, AM by Pawan
भारत में रियल एस्टेट में निवेश अब केवल संपत्ति खरीदने तक सीमित नहीं रहा। Real Estate Investment Trusts (REITs) के जरिए निवेशक कम पैसे में बड़ी प्रॉपर्टी में हिस्सा लेकर नियमित किराये की आय के साथ-साथ पूंजी में भी वृद्धि हासिल कर सकते हैं। यह एक सुरक्षित और पारदर्शी विकल्प बनता जा रहा है।
REITs क्या हैं?
REITs ऐसी संस्थाएं होती हैं जो ऑफिस, मॉल, गोदाम जैसे वाणिज्यिक सम्पत्तियों में निवेश करती हैं। ये संस्थाएं प्राप्त किराये की आय को निवेशकों में लाभांश के रूप में वितरित करती हैं। संपत्ति की देखभाल और प्रबंधन का जिम्मा REIT कंपनी का होता है, जिससे निवेशकों को सुविधाजनक और लिक्विड निवेश का मौका मिलता है।
REITs निवेशकों को लगभग 6-7% की स्थिर लाभांश आय प्रदान करती हैं। साथ ही, संपत्ति के मूल्य में वृद्धि के चलते उनकी पूंजी भी बढ़ती है। SEBI के विनियम REITs को पारदर्शी और सुरक्षित बनाते हैं। कम न्यूनतम निवेश के कारण छोटे निवेशक भी REITs में भागीदारी कर सकते हैं।
भारतीय REIT बाजार का परिदृश्य
भारत में पहले से ही तीन प्रमुख REITs लिस्टेड हैं, जिनमें Embassy Office Parks, Mindspace Business Parks, और Brookfield India शामिल हैं। तेजी से बढ़ते शहरीकरण, कार्यालय स्थानों की मांग और SEBI की अनुकूल नीतियां इस क्षेत्र को आगे बढ़ा रही हैं।
निवेश कैसे करें?
REIT में निवेश के लिए आपको डीमैट खाता खोलना होगा और शेयर बाजार के माध्यम से REIT यूनिट्स खरीदनी होंगी। कुछ mutual funds के जरिये भी REIT में निवेश संभव है। निवेश से पहले REIT की प्रदर्शन रिपोर्ट और प्रॉपर्टी की गुणवत्ता अवश्य जांचें।
जोखिम और सावधानियां
जैसे सभी निवेशों में होता है, REITs में भी बाजार और प्रॉपर्टी से जुड़े जोखिम होते हैं। संपत्ति के मूल्य में उतार-चढ़ाव और किराये की मांग में कमी से लाभ प्रभावित हो सकता है। इसलिए उचित सलाह के बाद ही निवेश करें।
REITs खासतौर पर उन निवेशकों के लिए मददगार हैं जो बिना भारी पूंजी लगाए रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं और स्थिर नकदी प्रवाह चाहते हैं। यह निवेश की दुनिया में संपत्ति का स्वामित्व और लिक्विडिटी दोनों का सही संयोजन प्रदान करता है।