Last Updated on November 1, 2025 17:44, PM by Khushi Verma
नई दिल्ली4 मिनट पहले
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छोटे और कम रिस्क वाले बिजनेस के लिए अब GST रजिस्ट्रेशन सिर्फ 3 कारोबारी दिन में मिलेगा। केंद्र सरकार ने आज (1 नवंबर) से छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए नई GST रजिस्ट्रेशन स्कीम शुरू की है। नई स्कीम के तहत मंथली आउटपुट टैक्स लायबिलिटी 2.5 लाख रुपए से कम होना चाहिए।
वहीं, केंद्र सरकार ने आज अक्टूबर में हुए GST कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं। अक्टूबर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 1.96 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। सालाना आधार पर इसमें 4.6% की बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी अक्टूबर 2024 में सरकार ने 1.87 लाख करोड़ रुपए GST कलेक्ट किया था। वहीं पिछले महीने अगस्त के मुकाबले सितंबर का कलेक्शन 3 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है।
सितंबर में सालाना 9.1% की बढ़ोतरी के साथ 1.89 लाख करोड़ रुपए GST वसूला गया था। इससे पहले अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए और मई में 2.01 लाख करोड़ रुपए GST के रूप में जुटाए गए थे।

96% नए आवेदकों को फायदा मिलेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गाजियाबाद में CGST भवन के उद्घाटन के दौरान कहा कि यह नई योजना करीब 96% नए आवेदकों को फायदा पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि इस प्रक्रिया में किसी तरह की देरी या अड़चन न आए।

नए GST रजिस्ट्रेशन को 3 सवाल में समझें…
नया प्रोसेस क्या है और किसे फायदा मिलेगा? जवाब: GST काउंसिल ने 3 सितंबर की मीटिंग में इसे अप्रूव किया था। सिंपलीफाइड GST रजिस्ट्रेशन स्कीम का फायदा वे छोटे या कम जोखिम वाले कारोबारी उठा सकेंगे, जिन्हें GST सिस्टम अपने डेटा एनालिसिस के आधार पर पहचानता है या जो स्वयं यह घोषणा करते हैं कि उनका मंथली आउटपुट टैक्स लायबिलिटी CGST, SGST/UTGST और IGST सभी टैक्स सहित 2.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है।
आवेदक को सिर्फ सेल्फ-डिक्लेरेशन देनी होगी या GST सिस्टम खुद लो-रिस्क कैटेगरी में रखेगा। फिलहाल 1.54 करोड़ से ज्यादा बिजनेस GST के अंदर रजिस्टर्ड हैं। ये नया रूट नए अप्लिकेंट्स को तेजी से कवर करेगा। छोटे दुकानदारों और स्टार्टअप्स के लिए आसान होगा।
क्यों आया ये बदलाव?
जवाब: छोटे बिजनेस को रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस में देरी होने से परेशानी होती थी। अब 3 दिन में PAN-बेस्ड रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। GST काउंसिल ने इसे अप्रूव कर छोटे बिजनेस को सपोर्ट किया।
अप्लाई कैसे करें?
जवाब: आज से प्रोसेस शुरू कर दी गई है। अप्लिकेंट GST पोर्टल पर जाकर लो-रिस्क रूट चुनें। सेल्फ-डिक्लेरेशन दें। हेल्प डेस्क पर जाकर गाइडेंस लें।
22 सितंबर से नई GST दरें लागू हुईं थीं
इससे पहले 22 सितंबर से जरूरत के सामानों पर केवल दो स्लैब 5% और 18% में जीएसटी लागू हुआ है। सरकार ने टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए ऐसा किया है। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे UHT दूध, पनीर, घी और साबुन-शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते हुए हैं।
GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी थी।
इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन
जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं।
अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।

2017 में लागू हुआ था GST
सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया।
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं।
GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:
- CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
- SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
- IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
- उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।