Last Updated on October 31, 2025 11:48, AM by Khushi Verma
4 मिनट पहले
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आईवियर कंपनी लेंसकार्ट का IPO आज यानी 31 अक्टूबर से ओपन हो रहा है। निवेशक इस IPO के लिए 4 नवंबर तक बोली लगा सकेंगे। इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹382 से ₹402 प्रति शेयर है। निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 37 शेयर्स के लिए 14,874 रुपए से बोली लगा सकेंगे। कंपनी के शेयर 10 नवंबर को BSE-NSE पर लिस्ट होंगे।
लेंसकार्ट इस IPO के जरिए 70,000 करोड़ वैल्यूएशन पर 7,278 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान कर रही है। इसके लिए कंपनी 2,150 करोड़ रुपए के 5.35 करोड़ नए शेयर्स जारी कर रही है। वहीं, इसके मौजूदा निवेशक 5,128.02 करोड़ रुपए के 12.76 करोड़ शेयर्स बेच रहे हैं।

वित्त वर्ष 2025 में ₹297 करोड़ का मुनाफा कमाया
लेंसकार्ट ने वित्त वर्ष 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने इस साल 297 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल (FY24) में उसे 10 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी का रेवेन्यू भी 22% बढ़कर 5,428 करोड़ रुपए से 6,625 करोड़ रुपए हो गया है।

FY25 में लेंसकार्ट ने 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए
वित्त वर्ष 2025 में लेंसकार्ट ने दुनिया भर में 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए और 1.241 करोड़ ग्राहकों को 2.72 करोड़ आईवियर यूनिट बेचे हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 100 मिलियन से ज्यादा एप डाउनलोड और 104.97 मिलियन एनुअल वेबसाइट विजिटर दर्ज किए और दुनिया भर में 2,723 स्टोर ऑपरेट किए।
2024 में कंपनी की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर थी
पिछले साल जून में लेंसकार्ट ने 5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,775 करोड़) फंड रेज किया था। लेंसकार्ट आईवियर सेक्टर को डोमीनेट करती है। कंपनी का बिजनेस प्रॉफिटेबल भी है। वहीं थाईलैंड में भी कंपनी अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा रही है।
लेंसकार्ट की शुरुआत 2010 में हुई थी

पीयूष बंसल ने दिल्ली डॉन बॉस्को स्कूल से पढ़ाई की है। 2002 में पीयूष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में BE करने कनाडा चले गए।
2008 में स्थापित लेंसकार्ट ने 2010 में एक ऑनलाइन बिजनेस के रूप में शुरुआत की थी। 2013 में अपना पहला रिटेल आउटलेट खोला था। यह कंपनी भारत में सबसे बड़े आईवियर रिटेल नेटवर्क में से एक को ऑपरेट करती है। पीयूष बंसल और कोलकाता के उनके एक दोस्त ने एक ऐसी कंपनी बनाने का प्लान बनाया जो भारत के लोगों की चश्मा न पहनने की आदत को बदल सके।
उन्होंने लिंक्डइन पर एक और को-फाउंडर सुमीत कपाही को ढूंढा। कपाही ने कुछ महीने पहले ही एक आईवियर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी। तीनों ने मिलकर 2010 में वैल्यू टेक्नोलॉजी बनाई, जिसमें अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट थी। इसमें लेंसकार्ट, ज्यूलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट वेबसाइट्स थीं। कुछ समय बाद चश्मे के मार्केट में पोटेंशियल देख कर तीनों ने सिर्फ लेंसकार्ट पर फोकस करना शुरू किया था।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।