Last Updated on October 30, 2025 2:16, AM by Pawan
टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी आई है क्योंकि पंजाब-हरियाणा और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने टैक्स ऑडिट वाले मामलों में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर दिया है। यह फैसला टैक्स प्रोफेशनल्स और एसोसिएशनों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने साफ कहा है कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और ITR फाइलिंग के बीच कम से कम एक महीने का अंतर जरूरी है।
क्या है इस फैसले का मतलब?
अब उन टैक्सपेयर्स को जो कंपनियां, प्रॉपर्टरशिप फर्म या पार्टनरशिप फर्म के वर्किंग पार्टनर हैं और जिनके खातों का टैक्स ऑडिट अनिवार्य होता है, उन्हें ITR फाइल करने के लिए अतिरिक्त एक महीना मिलेगा। इससे टैक्स फाइल करने में आसानी होगी और नुकसान या जुर्माने से बचा जा सकेगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने CBDT को भी निर्देश दिया है कि अगर वे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करेंगे तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
अन्य हाईकोर्ट्स की तैयारियां
दिल्ली हाईकोर्ट में भी इसी मुद्दे पर सुनवाई हो रही है, जहां टैक्स प्रोफेशनल्स ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। उम्मीद है कि दिल्ली और अन्य हाईकोर्ट्स भी इसी दिशा में एकमत हुए बिना टैक्सपेयर्स को इस बात की राहत मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो पूरे देश में ITR फाइलिंग के लिए टैक्सपेयर्स को एक समान एक्सटेंशन मिल सकेगा।
टैक्स पेनाल्टी और लेट फाइलिंग
अगर आप तय समय पर ITR फाइल नहीं कर पाते हैं तो आप सेक्शन 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न भी बाद में फाइल कर सकते हैं। हालांकि लेट फाइलिंग पर जुर्माने जैसे सेक्शन 234A और 234F के तहत इंटरेस्ट और फाइन लगता है, लेकिन बढ़ी हुई डेडलाइन से समय पर फाइलिंग की संभावना और बढ़ गई है।
इस फैसले से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है और आईटीआर फाइलिंग का दबाव कम होगा, जिससे वे सही तरीके से टैक्स नियमों का पालन कर सकेंगे।