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8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर होगी 44,280 रुपये, सरकार ने पास किया ToR

8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर होगी 44,280 रुपये, सरकार ने पास किया ToR

Last Updated on October 29, 2025 13:04, PM by Pawan

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी गई है। अब आयोग अपनी सिफारिशें गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर सरकार को सौंपेगा। दरअसल, 8वें वेतन आयोग की घोषणा जनवरी में ही कर दी गई थी, लेकिन इसके नियम तय होने में देरी के कारण कर्मचारियों में कन्फ्यूजन था कि ये कब लागू होगा। अब सरकार ने औपचारिक मंजूरी दे दी है, जिससे सभी कर्मचारियों में राहत मिली है। यहां जानिये 8वें वेतन आयोग में कितनी सैलरी बढ़ सकती है।

क्या होता है वेतन आयोग?

केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर बनता है, जिसका काम होता है केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के सैलरी स्ट्रक्चर, भत्तों और सर्विस की शर्तों की समीक्षा करना और जरूरी बदलावों की सिफारिश करना। आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है।

कितनी बढ़ेगी सैलरी?

वेतन बढ़ाने का सबसे अहम आधार होता है फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)। यह एक मल्टीप्लायर होता है, जिससे पुराने बेसिक वेतन को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। बेसिक सैलरी के आधार पर दूसरे भत्ते भी तय होते हैं।

7वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसके चलते कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ था।

अब 8वें वेतन आयोग में अगर 2.47 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया, तो 18,000 रुपये का बेसिक वेतन बढ़कर लगभग 44,460 रुपये हो सकता है। वहीं, अगर यह 1.83 रखा गया तो बेसिक वेतन करीब 32,940 रुपये, और 1.86 होने पर लगभग 33,480 रुपये तक पहुंच सकता है।

उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है।

फिटमेंट फैक्टर 1.83 हुआ तो नई सैलरी होगी 32,940 रुपये

फिटमेंट फैक्टर 2.47 हुआ तो नई सैलरी बढ़कर 44,280 रुपये तक जा सकती है।

ग्रॉस सैलरी कैसे निकलेगी?

कुल वेतन यानी ग्रॉस सैलरी में बेसिक पे के साथ महंगाई भत्ता (DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) शामिल होते हैं।

मेट्रो शहरों के लिए HRA बेसिक का 30%

टियर-2 शहरों के लिए 20%

टियर-3 शहरों के लिए 10% होता है।

फिलहाल, अगर DA को 0% मान लिया जाए और बेसिक 44,460 रुपये हो, तो मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारी का ग्रॉस वेतन होगा।

44,460 + 13,338 (HRA) = 57,798 रुपये।

कर्मचारियों को मिली राहत

सरकार की इस मंजूरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में काफी उम्मीदें हैं कि आने वाले साल में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर उनकी सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी। यह फैसला न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि पेंशनर्स के लिए भी राहतभरी खबर साबित होगा।

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