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अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत ने चीन को एक्सपोर्ट बढ़ाया: अप्रैल-सितंबर में 22% बढ़कर 74 हजार करोड़ रुपए पहुंचा, पहली बार डिस्प्ले एक्सपोर्ट किए

अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत ने चीन को एक्सपोर्ट बढ़ाया:  अप्रैल-सितंबर में 22% बढ़कर 74 हजार करोड़ रुपए पहुंचा, पहली बार डिस्प्ले एक्सपोर्ट किए

Last Updated on October 27, 2025 10:58, AM by Pawan

अमेरिका के 50% टैरिफ लगाने के बाद भारतीय एक्सपोर्टर्स ने चीन को अपना एक्सपोर्ट बढ़ा दिया है। 2025-26 के पहले छह महीनों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22% बढ़ गया।

 

अप्रैल से सितंबर 2025 तक भारत ने चीन को 8.41 अरब डॉलर (करीब 74 हजार करोड़ रुपए) का माल बेचा, जो पिछले साल अप्रैल-सितंबर में 6.90 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपए) था। ये बढ़त टेलीफोन सेट के पार्ट्स, झींगे, एल्युमिनियम और शिमला मिर्च जैसी चीजों से आई है।

पहली बार OLED के फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल्स एक्सपोर्ट किए

  • अप्रैल-सितंबर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट 116% बढ़ गया। ये 686 मिलियन डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपए) से 1.48 अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपए) पर पहुंच गया।
  • अप्रैल-सितंबर में टेलीफोन सेट के पार्ट्स का एक्सपोर्ट 162% बढ़ गया। ये। 178 मिलियन डॉलर (करीब 1565 करोड़ रुपए) से बढ़कर 467 मिलियन डॉलर (करीब 4,100 करोड़ रुपए) हो गया है।
  • फ्रोजन झींगे और प्रॉन्स का एक्सपोर्ट 25% बढ़ा है। ये 373 मिलियन (करीब 3,200 करोड़ रुपए) से बढ़कर 467 मिलियन (करीब 4,100 करोड़ रुपए) पहुंच गया है।
  • एल्युमिनियम एक्सपोर्ट 59% बढ़कर 191 मिलियन डॉलर (1680 करोड़ रुपए) और सल्फर एक्सपोर्ट 175% से ज्यादा बढ़कर 116 मिलियन डॉलर (करोब 1 हजार करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है।
  • कुछ नई चीजें भी एक्सपोर्ट में शामिल हुई है। जैसे OLED के फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल्स का पिछले साल एक्सपोर्ट जीरो था। ये अब 246 मिलियन डॉलर (करीब 2100 करोड़ रुपए) हो गया है।

अभी इसे स्ट्रक्चरल शिफ्ट नहीं कह सकते

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के डायरेक्टर जनरल और CEO अजय सहाय ने कहा, “ये 22% की बढ़ोतरी एक्सपोर्टर्स की तेजी और कंपटीटिवनेस का अच्छा संकेत है, खासकर वैल्यू-एडेड सेगमेंट्स जैसे झींगे, एल्युमिनियम और टेलीफोन पार्ट्स में। लेकिन अभी इसे स्ट्रक्चरल शिफ्ट नहीं कह सकते।

ट्रेडिशनल मार्केट्स जैसे यूएस से दूर जाना अच्छा है, लेकिन हमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों में और गहराई लानी होगी। साथ ही यूएस और ईयू के साथ हाई-वैल्यू ट्रेड को मजबूत रखना पड़ेगा। कुल मिलाकर, ये भारत की एक्सपोर्ट रेजिलिएंस और एडाप्टेबिलिटी की ताकत दिखाता है।

27 अगस्त से 50% अमेरिकी टैरिफ लागू हुआ था

भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50% टैरिफ लागू हुआ था। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है इस टैरिफ से भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकते हैं। 50% टैरिफ से भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी कम हो गई है।

 

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