Last Updated on October 25, 2025 7:37, AM by Khushi Verma
भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में जबरदस्त तेजी आई है। 2025 की दूसरी तिमाही में देश के बड़े शहरों में ऑफिस स्पेस की डिमांड अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। काम के लिए ऑफिस स्पेस की मांग, वर्क फ्रॉम होम खत्म होना और नए प्रोजेक्ट्स की कम संख्या मिलकर रेंटल बाजार को दोगुना तेज बना रहे हैं। IIM बेंगलुरु की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के टॉप 10 शहरों में ऑफिस किराया सालाना 3.8 फीसदी बढ़ा है, लेकिन दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम और बेंगलुरु में सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई है।
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली के प्रमुख ऑफिस इलाकों कनॉट प्लेस, बाराखंबा रोड में पिछले एक साल में किराए में 16% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। अच्छे और बड़े ऑफिस की कमी, कंपनियों की वापसी और निवेशकों की रुचि ने दिल्ली को ऑफिस रेंट के मामले में सबसे आगे कर दिया है।
मुंबई में तिमाही आधार पर ऑफिस किराए 3.6% और सालाना आधार पर 11% तक बढ़े हैं। नरीमन पॉइंट, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, और अंधेरी-ठाणे जैसी जगहों पर लगातार डिमांड बनी हुई है। यहां नए ऑफिस प्रोजेक्ट्स की कमी और रियल एस्टेट निवेश फंड (REIT) के चलते रेंट बढ़ रहा है। बड़ी कंपनियां यहां लंबे समय के लिए ऑफिस लॉक कर रही हैं। नवी मुंबई में तीन सालों में 9% की सबसे अधिक कंपाउंड ग्रोथ देखी गई है।
गुरुग्राम
गुरुग्राम में ऑफिस किराया उद्योग विहार, साइबर सिटी और NH 48 के आसपास के इलाकों में 16% तक बढ़ चुका है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो कनेक्टिविटी और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर की डिमांड ने गुरुग्राम को दिल्ली-NCR का सुपर बिजी हब बना दिया है।
बेंगलुरु में वाइटफील्ड और साउथ बेंगलुरु जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है वाइटफील्ड में सालाना 20% रेंट ग्रोथ हुई है। IT कंपनियों की वापसी, हाइब्रिड वर्क कल्चर व नए कॉरिडोर वाले ऑफिस हॉटस्पॉट इसकी वजह है।
बाजार की बढ़त का कारण
आफिस रेंटल कीमतों में तेजी मुख्य रूप से IT और फाइनेंस सेक्टर, वर्क फ्रॉम होम का घटता ट्रेंड और कम सप्लाई के चलते देखने को मिल रही है। कंपनियां बड़े शहरों में प्रीमियम ऑफिस स्पेस के लिए मारामारी कर रही हैं। भविष्य में नए ऑफिस प्रोजेक्ट्स आने के बाद ही रेंट में कोई स्थिरता आ सकती है।