Uncategorized

रिलायंस-फेसबुक ने मिलकर एक नई AI कंपनी बनाई: रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड नाम रखा, इसमें ₹855 करोड़ का निवेश किया

रिलायंस-फेसबुक ने मिलकर एक नई AI कंपनी बनाई:  रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड नाम रखा, इसमें ₹855 करोड़ का निवेश किया

Last Updated on October 25, 2025 15:12, PM by Khushi Verma

 

  • Hindi News
  • Business
  • Reliance And Meta Launch REIL: AI Enterprise Solutions Joint Venture | News 2025

नई दिल्ली4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड के पास REIL में 70% हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी 30% हिस्सा मेटा प्लेटफॉर्म्स के पास रहेगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक के साथ मिलकर एक नई AI कंपनी बनाई है। दोनों कंपनियों ने इस जॉइंट वेंचर का नाम रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) रखा है।

 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार (25 अक्टूबर) को रेगुलेटरी फाइलिंग में इसका ऐलान किया। इस जॉइंट वेंचर में मुकेश अंबानी और मार्क जुकरबर्ग की कंपनियों ने मिलकर शुरुआती तौर पर 855 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड ने फेसबुक की इंडियन आर्म के साथ मिलकर यह नई कंपनी बनाई है। यह नई कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्विसेज को डेवलप करने, मार्केटिंग करने और बेचने पर काम करेगी।

कौन कितना हिस्सा रखेगा?

  • रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड के पास REIL में 70% हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी 30% हिस्सा मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक की कंपनी फेसबुक ओवरसीज इंक के पास रहेगा।
  • रिलायंस की AI यूनिट ने शुरुआती तौर पर 2 करोड़ रुपए का निवेश किया है। जिसमें 20 मिलियन यानी 2 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदे गए हैं, जिनकी कीमत 10 रुपए प्रति शेयर है।

इस कंपनी का मकसद क्या है?

अगस्त में रिलायंस की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में इस जॉइंट वेंचर का ऐलान किया था। REIL का फोकस मेटा के ओपन-सोर्स लामा मॉडल्स और रिलायंस की बिजनेस पहुंच का इस्तेमाल करके अलग-अलग सेक्टर्स के लिए AI टूल्स तैयार करना होगा।

REIL दो मेजर प्रोडक्ट्स पर काम करेगी –

  • एंटरप्राइज AI प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस: इससे कंपनियां अपने हिसाब से जेनरेटिव AI मॉडल्स बनाएंगी और इस्तेमाल कर सकेंगी।
  • प्री-कॉन्फिगर्ड सॉल्यूशंस: ये खास तौर पर सेल्स, मार्केटिंग, IT ऑपरेशंस, कस्टमर सर्विस और फाइनेंस जैसे सेक्टर के लिए होंगे।

मेटा और रिलायंस क्या-क्या करेंगी?

मेटा इस पार्टनरशिप में लामा-बेस्ड AI मॉडल्स बनाने की टेक्निकल एक्सपर्टीज देगा। वहीं रिलायंस अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और भारत की हजारों कंपनियों और छोटे बिजनेस तक पहुंच का फायदा उठाएगा।

ये AI सॉल्यूशंस क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और हाइब्रिड एनवायरनमेंट में इस्तेमाल किए जा सकेंगे, और इनका मकसद कंपनियों के लिए लागत को कम करना होगा।

कोई सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं

रिलायंस की फाइलिंग के मुताबिक, REIL का फॉर्मेशन रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के तहत नहीं आता है और न ही रिलायंस के प्रमोटर्स या ग्रुप कंपनियों का इसमें कोई निजी हित है। साथ ही इस कंपनी को बनाने के लिए किसी सरकारी या रेगुलेटरी मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ी है।

इस पार्टनरशिप से भारत के बिजनेस को AI टेक्नोलॉजी का फायदा आसानी से मिल सकेगा। रिलायंस की मार्केट पहुंच और मेटा की टेक्नोलॉजी छोटे-बड़े बिजनेस को और स्मार्ट और किफायती बनाने में मदद करेगा।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top