Last Updated on October 24, 2025 11:49, AM by Khushi Verma
HUL Share Price: सितंबर तिमाही के कारोबारी नतीजे आने के अगले दिन आज देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी एचयूएल के शेयर धड़ाम हो गए। सुस्त वॉल्यूम ग्रोथ पर इसके शेयर दबाव में हैं और कुछ ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से टारगेट प्राइस में कटौती ने भी इस पर दबाव बनाया। फिलहाल बीएसई पर यह 3.52% की गिरावट के साथ ₹2509.25 पर है। इंट्रा-डे में यह 4.83% फिसलकर ₹2475.20 के भाव तक आ गया था। ओवरऑल बात करें तो इसे कवर करने वाले 44 एनालिस्ट्स में से 33 ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी है तो नौ ने होल्ड और दो ने सेल रेटिंग दी है।
HUL पर क्या कहना है ब्रोकरेज फर्मों का?
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने एचयूएल का टारगेट प्राइस ₹2,900 से घटाकर ₹2,850 कर दिया है। हालांकि गोल्डमैन ने नियर-टर्म मार्जिन दबाव और उम्मीद से अधिक सुस्त रिकवरी के बावजूद इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सितंबर तिमाही में वॉल्यूम ग्रोथ पर जीएसटी बदलाव से जुड़ी चुनौतियों का असर पड़ा और अब साल की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे सुधार होगा, लेकिन यह पहले की अपेक्षा धीमी गति से होगा। नए सीईओ ने इस बात पर जोर दिया कि वॉल्यूम आधारित रेवेन्यू ग्रोथ कंपनी की टॉप प्रॉयोरिटी है।
मैक्वेरी ने ₹3000 के टारगेट प्राइस पर एचयूएल को आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल-मार्च) की दूसरी छमाही में स्थिर सुधार की उम्मीद है और जीएसटी में बदलाव से 200 बेसिस प्वाइंट का प्रभाव उलट जाएगा जिससे इस वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में 4% की सेल्स ग्रोथ पीछे छूट जाएगी। कंपनी ने सितंबर 2025 तिमाही में बेहतर कमाई के बावजूद वित्त वर्ष 2026 के लिए 22-23% का ऑपरेटिंग मार्जिन गाइडेंस को बरकरार रखा है। कंपनी को उम्मीद है कि इसके आइसक्रीम बिजनेस के अलग होने से मार्जिन को 50-60 बेसिस प्वाइंट का फायदा मिल सकता है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का प्रीमियमीकरण और वॉल्यूम ग्रोथ पर फोकस मांग की स्थिति में सुधार के हिसाब से है।
सीएलएसए ने एचयूएल को ₹1966 के टारगेट प्राइस पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि एचयूएल के पोर्टफोलियो में बदलाव वॉल्यूम आधारित ग्रोथ के हिसाब से हो रहा है और इसी पर कंपनी का फोकस बना हुआ है। सेगमेंटवाइज एचयूएल के होम केयर बिजनेस को लिक्विड डिटर्जेंट के दम पर अच्छी ग्रोथ दिखी लेकिन प्राइस ग्रोथ निगेटिव जोन में बनी हुई है। ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट में स्किन केयर प्रोडक्ट्स की ग्रोथ अच्छी रही लेकिन पर्सनल केयर सेगमेंट में वॉल्यूम गिर गया। फूड बिजनेस की बात करें तो यह सालाना आधार पर लो सिंगल-डिजिट वॉल्यूम गेन के चलते महज 3% की रफ्तार से बढ़ा।
मॉर्गन स्टैनले ने ₹2335 के टारगेट प्राइस पर एचयूएल को इक्वल-वेट रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्राइस ग्रोथ लो-सिंगल डिजिट में बने रहने के ही आसार हैं। हालांकि सर्दियों और फसलों की कटाई के सीजन में दूसरी छमाही पहली छमाही की तुलना में अधिक बेहतर रह सकती है। ब्रोकरेज फर्म जीएसटी में बदलाव के चलत सितंबर तिमाही में वॉल्यूम ग्रोथ पर 2% का असर पड़ा। तिमाही आधार पर ग्रास मार्जिन में 135 बेसिस प्वाइंट्स का सुधार दिखा जिससे हाई लागत की भरपाई हुई। कंपनी को उम्मीद है कि नवंबर की शुरुआत से कारोबारी स्थितियां सामान्य हो जाएंगी लेकिन ट्रेड इन्वेंट्री के लेवल को चार से छह हफ्ते साइकिल की सामान्य स्थिति में आने में कुछ महीने लग सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि शहरों और गांवों, दोनों जगहों पर बाजारों में मांग स्थिर बनी हुई है। आइसक्रीम बिजनेस के अलग होने से ओवरऑल मार्जिन में 50-60 बेसिस प्वाइंट्स का अतिरिक्त सपोर्ट दिख सकता है जिससे कंपनी के 22-23% EBITDA मार्जिन गाइडेंस को सपोर्ट मिलेगा।