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म्यूचुअल फंड में निवेश के बदलेंगे नियम, KYC रूल्स को सख्त कर रहा SEBI; जानिए डिटेल

म्यूचुअल फंड में निवेश के बदलेंगे नियम, KYC रूल्स को सख्त कर रहा SEBI; जानिए डिटेल

Last Updated on October 23, 2025 18:03, PM by Khushi Verma

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब नए फोलियो खोलते समय और पहली निवेश राशि डालते समय पूरी KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी होना जरूरी होगा। इसका मकसद है निवेशकों को संभावित गलतियों और लेन-देन में होने वाली देरी से बचाना, ताकि हर निवेश सुरक्षित और सही तरीके से हो सके।

पहला निवेश KYC पूरा होने के बाद

अब नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि नए फोलियो केवल तभी अपनी पहली निवेश रकम डाल सकेंगे, जब KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) उन्हें पूरी तरह KYC-संगत मान ले। पहले, एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) अपने आंतरिक KYC चेक के आधार पर तुरंत निवेश स्वीकार कर लेती थी। इस वजह से अगर बाद में फोलियो KYC में गड़बड़ी पाई जाती, तो निवेशक को रिडेम्प्शन, डिविडेंड या नोटिफिकेशन में देरी का सामना करना पड़ता था।

KYC की देरी से क्या असर होता है

अगर KYC पूरी नहीं होती है, तो निवेशक अस्थायी तौर पर आगे निवेश नहीं कर पाते और रिडेम्पशन या डिविडें उन्हें समय पर नहीं मिल पाते। वहीं, AMC के लिए भी निवेशकों से संपर्क और भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। इससे कुछ डिविडेंड या रिडेम्पशन बिना क्लेम किए रह जाते हैं।

कैसा होगा नया तरीका

फायदे और असर

इस नए नियम से निवेशकों और AMC दोनों को फायदा होगा। गलतियों की संभावना कम होगी, नियमों का पालन आसान होगा, निवेशक और AMC के बीच संचार बेहतर होगा और लेनदेन अधिक सटीक होंगे।

हालांकि, पहली निवेश राशि लगाने में थोड़ी देरी हो सकती है क्योंकि इसे KRA के पूरी तरह सत्यापन होने तक रोक दिया जाएगा। फिलहाल, AMC स्तर की KYC जांच 1-2 दिन में पूरी हो जाती है, जबकि KRA सत्यापन में दस्तावेज और सिस्टम अपडेट के आधार पर 2-3 और दिन लग सकते हैं।

जनता से मांगी गई राय

SEBI ने इस नए नियम पर आम जनता और निवेशकों से सुझाव मांगे हैं। 14 नवंबर 2025 तक कोई भी निवेशक या अन्य हितधारक अपनी राय SEBI के वेब पोर्टल पर दे सकता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएं और सुझाव लिए जाएं।

साथ ही, AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनियां), KRA (KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी) और अन्य बाजार मध्यस्थों को अपने सिस्टम और कार्यप्रणाली को इस नए मानक के अनुसार अपडेट करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नियम लागू होने के बाद सभी निवेश सही तरीके से और समय पर प्रोसेस हों, और निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न आए।

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