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Silver Price Today: एक दिन में सिल्वर 9% फिसला, आपको क्या करना चाहिए?

Silver Price Today: एक दिन में सिल्वर 9% फिसला, आपको क्या करना चाहिए?

Last Updated on October 22, 2025 0:36, AM by Pawan

चांदी में 21 अक्टूबर को बड़ी गिरावट आई। स्पॉट सिल्वर 8.7 फीसदी गिरकर 47.89 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। इधर, इंडिया में भी सिल्वर फ्यूचर्स में बड़ी गिरावट आई। एमसीएक्स में सिल्वर फ्यूचर्स 8,067 रुपये गिरकर 1,49,920 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया। इस गिरावट ने चांदी के निवेशकों को डरा दिया है। इस साल चांदी में करीब 80 फीसदी का उछाल दिखा था।

कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद मुनाफावसूली

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 21 अक्टूबर को सोने और चांदी में एक साथ बड़ी गिरावट आई। दोनों कीमतों धातुओं में इस साल जबर्दस्त तेजी देखने को मिली थी। इससे दोनों की कीमतें फंडामेंटल्स से आगे निकल गई थीं। जानकारों का कहना है कि किसी एसेट में इतनी ज्यादा तेजी के बाद मुनाफावसूली स्वाभाविक है। 21 अक्टूबर को ये बातें सच हुईं। मुनाफावसूली के चलते सोना और चांदी दोनों में बड़ी गिरावट आई।

चीन में कई सालों के बाद चांदी में ऐसी गिरावट

चांदी की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि दुनिया के बड़े बाजारों में इसकी कमी की स्थिति बन गई थी। लेकिन, 21 अक्टूबर की गिरावट ने चांदी के आउटलुक पर सवालिया निशान लगा दिया है। मंगलवार को शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज से लिंक्ड सिल्वर वॉल्ट्स में फरवरी 2021 के बाद एक दिन में सबसे बड़ा आउटफ्लो देखने को मिला।

इन वजहों से कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं

एक दिन में शायद ही कभी सोने और चांदी में इतनी बड़ी गिरावट आई होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने और चांदी में तेजी की कई वजहें थीं। अब हालात बदल रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ का ग्लोबल ट्रेड पर ज्यादा असर नहीं दिखा है। दूसरा, जियोपॉलिटिकल टेंशन में भी कमी आई है। इजरायल और हमास के बीच सुलह हो गया है। इससे बीते दो सालों से चल रहा टकराव रुक गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे बड़ी वजह यह है कि रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद मुनाफावसूली की उम्मीद की जा रही थी।

आपको क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स के पोर्टफोलियो में सोने और चांदी की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी होनी चाहिए। सिल्वर में गिरावट इसमें गिरावट का बड़ा मौका है। जो इनवेस्टर्स चांदी की बीती रैली का फायदा उठा नहीं सके हैं, वे इस गिरावट के मौके पर चांदी पर दांव लगा सकते हैं। जानकारों का कहना है कि चांदी और सोने के फंडामेंटल्स में फर्क है। चांदी ऐसा मेटल है, जिसका इस्तेमाल इंडस्ट्रियल उत्पादन में होता है। इनमें सोलर पैनल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इन सेक्टर में उत्पादन बढ़ने से चांदी की डिमांड बढ़ेगी। इससे इसकी कीमतों को मजबूत मिलेगा।

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